झारखंड के आयकर आयुक्त सीबीआई हिरासत में भेजे गए, भ्रष्‍टाचार के मामले में हुए थे गिरफ्तार

सीबीआई ने बुधवार को मामले में पश्चिम बंगाल व झारखंड में 23 जगहों पर छापेमारी की. कोलकाता में छापेमारी 18 रिहायशी तथा कार्यालय परिसरों पर की गई और झारखंड के रांची में पांच ठिकानों पर की गई.

झारखंड के आयकर आयुक्त सीबीआई हिरासत में भेजे गए, भ्रष्‍टाचार के मामले में हुए थे गिरफ्तार

रांची:

भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार झारखंड में पदस्थापित प्रधान आयकर आयुक्त तपस कुमार दत्ता को गुरुवार को चार दिनों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया गया. दत्ता को बुधवार रात गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें यहां सीबीआई की अदालत में पेश किया गया. सीबीआई ने बुधवार को मामले में पश्चिम बंगाल व झारखंड में 23 जगहों पर छापेमारी की. कोलकाता में छापेमारी 18 रिहायशी तथा कार्यालय परिसरों पर की गई और झारखंड के रांची में पांच ठिकानों पर की गई. दत्ता के परिसरों की तलाशी अभियान के दौरान सीबीआई ने 3.5 करोड़ रुपये नकद, पांच किलोग्राम सोना तथा कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए.

सीबीआई ने रांची में पदस्थापित प्रधान आयकर आयुक्त तपस कुमार दत्ता व उनके तीन अन्य सहयोगियों आयकर के अतिरिक्त आयुक्त अरविंद कुमार, आयकर अधिकारी रंजीत कुमार लाल तथा आयकर अधिकारी (प्रौद्योगिकी) गांगुली के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोपों को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की है. पांच कारोबारियों तथा एक चार्टर्ड अकाउंटेंट सहित आयकर विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक दुराचरण के तहत मामला दर्ज किया गया.

दत्ता तथा उनके साथियों को कोलकाता के पांच कारोबारियों विश्वनाथ अग्रवाल, संतोष चौधरी, आकाश अग्रवाल, विनोद अग्रवाल तथा अरविंद अग्रवाल और उनकी कंपनियों के प्रति करों के मामलों में अवैध पक्ष लेने तथा अवैध रूप से पैसे बनाने का आरोपी बनाया गया है.

सीबीआई के प्रवक्ता आर.के. गौर ने कहा, "साल 2016 तथा 2017 के दौरान, दत्ता ने आयकर के अन्य अधिकारियों, पांच कारोबारियों, बदनाम इंट्री ऑपरेटरों तथा एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ मिलकर विभिन्न कंपनियों के आयकर की उन कर निर्धारण फाइलों को प्राप्त करने के लिए एक साजिश रची, जिन्हें कोलकाता एवं हजारीबाग से रांची स्थानांतरित किया गया था. इन कंपनियों का पक्ष लेने के एवज में उन्होंने अवैध रकम वसूली." अधिकारी ने यह भी कहा कि दत्ता ने उन निजी कंपनियों के मामलों में उनके पक्ष में फैसला दिया, जिन्होंने भारी रिश्वत दी.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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