केरल के निकाय चुनाव में कांग्रेस से ‘किंग कॉन्ग’, तो भाजपा से ‘कोरोना’ उतरे मैदान में...

Kerala's local body election 2020 : केरल में अगले महीने स्थानीय निकाय का चुनाव है. कुछ प्रत्याशी अपनी राजनीतिक विचारधारा या चुनावी वादे के लिए नहीं बल्कि अजीबोगरीब या विशिष्ट नामों के कारण सबका ध्यान आकर्षित कर रहे हैं.

केरल के निकाय चुनाव में कांग्रेस से ‘किंग कॉन्ग’, तो भाजपा से ‘कोरोना’ उतरे मैदान में...

Kerala's local body elections : लेफ्ट, भाजपा औऱ कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव मैदान में (प्रतीकात्मक)

केरल में स्थानीय निकाय चुनाव (Kerala's local body elections ) ‘किंग कॉन्ग', और ‘कोरोना' भी चुनाव मैदान में भाग्य आजमाते आपको नजर आएंगे. राज्य में अनोखे नाम वाले उम्मीदवारों के पोस्टरों और चुनाव प्रचार की घोषणाओं को सुनकर आपको हैरानी हो सकती है. केरल में किंग कांग, कोरोना, ब्राजीलिया, लुकमान, जेपी जैसे अन्य प्रचलित नामों के साथ उम्मीदवार मैदान में हैं.

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प्रचार के दौरान ‘किंग कांग हैं आपके उम्मीदवार', ‘रानी झांसी के लिए वोट कीजिए' या कॉमरेड मोदी का चुनाव चिन्ह है ‘हंसिया, हथौड़ा और तारा' जैसे नारे या कुछ उम्मीदवारों के विशिष्ट नाम लोगों का ध्यान खींच रहे हैं. केरल में अगले महीने स्थानीय निकाय का चुनाव है. कुछ प्रत्याशी अपनी राजनीतिक विचारधारा या चुनावी वादे के लिए नहीं बल्कि अजीबोगरीब या विशिष्ट नामों के कारण सबका ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. ब्रासीलिया, लुकमान, कोरोना या जेपी 77 जैसे नाम वाले इन उम्मीदवारों का मानना है कि इससे उन्हें अपने राजनीतिक बढ़त मिलेगी और मतदाता उन्हें आसानी से याद रखेंगे.

बेहद मृदुभाषी हैं किंग कांग, BJP के ‘कोरोना'  भी उत्साहित
केरल में कांग्रेस के 57 वर्षीय उम्मीदवार किंग कांग अपने नाम के कारण चर्चा में हैं. हालांकि किंग कांग नाम के बावजूद वे बेहद मृदुभाषी हैं. किंग कांग ने कहा कि इससे उन्हें चर्चा में बने रहने में मदद मिल रही. उनके अभिभावक और बड़े भाई बहन हॉलीवुड फिल्मों के प्रशंसक हैं और उन्होंने ही यह नाम दिया था. कुछ ने उनका मजाक उड़ाया तो कुछ नाम के कारण दिलचस्पी ले रहे हैं. कोल्लम निगम के मथिली वार्ड में भाजपा उम्मीदवार का नाम कोरोना थॉमस है. उन्होंने कहा, ‘मेरे माता-पिता ने कभी भी नहीं सोचा था कि यह नाम वायरस का होगा और एक दिन समूची दुनिया इस नाम से डरेगी. लेकिन मैं खुश हूं कि इस नाम के कारण मतदाताओं को मेरा नाम आसानी से याद रहता है.'

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ब्राजीलिया भी तैयार
उत्तरी कोझिकोड जिले के पयानाक्कल वार्ड से चुनाव लड़ रही ब्रासीलिया ने कहा कि उनके चाचा ब्राजील की फुटबॉल टीम के बड़े प्रशंसक थे. उनके चाचा ने यह नाम सुझाया और सबने इसे स्वीकार लिया. कोझिकोड की कयाना ग्राम पंचायत में भाजपा के एक उम्मीदवार जेपी 77 भी अपने नाम के कारण चर्चा में हैं. उनके पिता आरएसएस कार्यकर्ता थे और जयप्रकाश नारायण के विचारों को मानते थे, इसलिए ये नाम मिला.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)