भारतरत्न लता मंगेशकर ने जयप्रभा स्टूडियो मामले में दायर याचिका वापस ली

कांग्रेस-एनसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान 2012 में मंगेशकर परिवार की इस अचल संपत्ति को ऐतिहासिक धरोधर घोषित किया गया था.

भारतरत्न लता मंगेशकर ने जयप्रभा स्टूडियो मामले में दायर याचिका वापस ली

भारतरत्न लता मंगेशकर की फाइल फोटो.

खास बातें

  • इस स्टूडियो को राज्य सरकार ने ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया था
  • लता मंगेशकर परिवार ने इस फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी थी
  • अब जयप्रभा स्टूडियो को धरोहर घोषित करने में आने वाली बाधाएं खत्म
मुंबई:

भारतरत्न लता मंगेशकर ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ दायर याचिका वापस ले ली है. याचिका कोल्हापुर स्थित जयप्रभा स्टूडियो के अधिग्रहण के विवाद से जुड़ी थी. इस स्टूडियो से मंगेशकर परिवार का खासा लगाव है. मशहूर फिल्म प्रोड्यूसर चित्रमहर्षि भालजी पेंढारकर का यह स्टूडियो राज्य सरकार से ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया गया था. जिसे रद्द करने कि मांग लता दीदी ने की थी. मामले में लता मंगेशकर और सरकार के बीच का विवाद लंबा चला. कांग्रेस-एनसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान 2012 में मंगेशकर परिवार की इस अचल संपत्ति को ऐतिहासिक धरोधर घोषित किया गया था.

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मंगेशकर परिवार इस फैसले के खिलाफ था. उनकी तरफ से इसे हाइकोर्ट में चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया था
कि धरोहर घोषित करने के फैसले के बाद सरकार ने जरूरी कारवाई पूरी नहीं की. लिहाजा इस फैसले को रद्द किया जाए. हाइकोर्ट ने इस दलील को नहीं माना था. इसके खिलाफ लता मंगेशकर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी. हालांकि, मंगलवार को इस अपील के वापस लेने का खुलासा हुआ है. इसके बाद जयप्रभा स्टूडियो को ऐतिहासिक धरोहर घोषित करने की प्रक्रिया में आ सकनेवाली बाधाएं खत्म हो गई हैं.

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