माछिल मुठभेड़ : पांच सैन्य कर्मियों को दी गई उम्रकैद की सजा निलंबित

सैन्य बल न्यायाधिकरण ने सजा निलंबित की, सैन्य कर्मियों को जमानत पर रिहा किया जाएगा

माछिल मुठभेड़ : पांच सैन्य कर्मियों को दी गई उम्रकैद की सजा निलंबित

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • कश्मीर के माछिल सेक्टर में साल 2010 में हुई थी मुठभेड़
  • तीन नागरिकों की मुठभेड़ में मौत हो गई थी
  • कर्नल पठानिया की पैरवी वरिष्ठ वकील अमन लेखी ने की
नई दिल्ली:

दो अधिकारियों सहित पांच सैन्य कर्मियों को साल 2010 में माछिल में तीन कश्मीरी लोगों की हत्या के लिए कोर्ट मार्शल में मिली उम्रकैद की सजा सैन्य बल न्यायाधिकरण में निलंबित होने के बाद जमानत पर रिहा किया जाएगा.

अधिकारियों ने बताया कि सैन्य बल न्यायाधिकरण ने कर्नल दिनेश पठानिया, कैप्टन उपेंद्र, हवलदार देविंदर, लांसनायक लखमी और लांस नायक अरुण कुमार को सुनाई गई उम्रकैद की सजा निलंबित कर दी और उन्हें जमानत दे दी.

न्यायाधिकरण में कर्नल पठानिया की पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील अमन लेखी ने कहा, ‘‘न्यायाधिकरण का यह साहसिक फैसला है. मैं बहुत खुश हूं. आदेश ने मामले में बहुत हद तक भ्रम दूर कर दिया है. ’’ सरकार ने पांचों सैन्य कर्मियों को जमानत दिए जाने का जोरदार विरोध किया. लेखी ने कहा कि उन्हें कल या एक दिन बाद रिहा कर दिया जाएगा.

VIDEO : पांच को उम्र कैद

सैन्य सूत्रों ने बताया कि न्यायाधिकरण ने केवल उम्रकैद निलंबित की है और उसका अंतिम आदेश अपेक्षित है. जम्मू कश्मीर के माछिल सेक्टर में 2010 में 29 और 30 अप्रैल की दरम्यानी रात तीन नागरिकों की मुठभेड़ में मौत से राज्य में जबदरस्त आक्रोश फैल गया था और हिंसा हुई थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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