
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर.
नई दिल्ली:
खुले स्थान की बजाय ईदगाह और मस्जिद में ही नमाज पढ़ने की सलाह देने के एक दिन बाद ही हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने यूटर्न लेते दिख रहे हैं. खट्टर ने अब अपने ताजा बयान में कहा है कि उन्होंने खुले में नमाज पढ़ने से रोक लगाने की बात नहीं कही थी. उन्होंने कहा, 'मैंने खुले में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की बात नहीं की थी. अगर किसी को खुले में नमाज पढ़ने में परेशानी आ रही है तो वो पुलिस प्रशासन से संपर्क करें.'
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इस बीच उनकी सरकार के मंत्री अनिल विज ने इस मसले को और तूल देते हुए कहा है कि जमीन कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है. उन्होंने कहा, 'अगर किसी को कभी-कभी खुले में नमाज पढ़नी पड़ जाती है तो धर्म की आजादी है, लेकिन किसी जगह को कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है. उसकी इजाजत नहीं दी जा सकती.'
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गौरतलब है कि हरियाणा के गुरुग्राम में शुक्रवार को (4 मई) कुछ हिंदुवादी संगठनों द्वारा नमाज में बाधा पहुंचाए जाने की खबर के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों की जगह नजाम सिर्फ मस्जिद या ईदगाह के अंदर ही पढ़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि नमाजियों को गुड़गांव में सड़क किनारे, उद्यानों और खाली सरकारी जमीनों पर नमाज अदा करने की इजाजत नहीं है.
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उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी हमारी है. खुले में नमाज पढ़ने का प्रचलन इन दिनों काफी बढ़ा है. सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने की बजाय मस्जिद और ईदगाह में जाना चाहिए. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 'सीएम खट्टर ने कहा कि हमारी सरकार मामले पर करीबी नजर रखे हुए है. हालांकि उन्होंने कहा कि जहां पर जगहों की कमी है, वहां सार्वजनिक जगहों की जगह निजी जगहों या घर के अंदर नमाज पढ़नी चाहिए.
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इस बीच उनकी सरकार के मंत्री अनिल विज ने इस मसले को और तूल देते हुए कहा है कि जमीन कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है. उन्होंने कहा, 'अगर किसी को कभी-कभी खुले में नमाज पढ़नी पड़ जाती है तो धर्म की आजादी है, लेकिन किसी जगह को कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है. उसकी इजाजत नहीं दी जा सकती.'
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गौरतलब है कि हरियाणा के गुरुग्राम में शुक्रवार को (4 मई) कुछ हिंदुवादी संगठनों द्वारा नमाज में बाधा पहुंचाए जाने की खबर के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों की जगह नजाम सिर्फ मस्जिद या ईदगाह के अंदर ही पढ़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि नमाजियों को गुड़गांव में सड़क किनारे, उद्यानों और खाली सरकारी जमीनों पर नमाज अदा करने की इजाजत नहीं है.
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उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी हमारी है. खुले में नमाज पढ़ने का प्रचलन इन दिनों काफी बढ़ा है. सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने की बजाय मस्जिद और ईदगाह में जाना चाहिए. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 'सीएम खट्टर ने कहा कि हमारी सरकार मामले पर करीबी नजर रखे हुए है. हालांकि उन्होंने कहा कि जहां पर जगहों की कमी है, वहां सार्वजनिक जगहों की जगह निजी जगहों या घर के अंदर नमाज पढ़नी चाहिए.
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