सपा CAA और NRC का कर रही है विरोध, पर मुलायम की छोटी बहू ने किया समर्थन, कहा- जो भारत का है...

दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ सोमवार को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए.

सपा CAA और NRC का कर रही है विरोध, पर मुलायम की छोटी बहू ने किया समर्थन, कहा- जो भारत का है...

मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव.

नई दिल्ली:

एक तरफ जहां पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं तो वहीं उन्हीं की परिवार की सदस्य इसका समर्थन कर रही हैं. समाजवादी पार्टी के सरंरक्षक मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने इसे लेकर ट्वीट किया है. अपर्णा ने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखा कि जो भारत का है, उसे रजिस्टर में अंकित होने में क्या समस्या है? अपने ट्वीट में उन्होंने जामिया मिल्लिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और 16 दिसंबर के हैशटैग का इस्तेमाल किया. 

अपर्णा ने एनआरसी को लेकर हो रहे विरोध पर भी सवाल उठाए हैं. फेसबुक और ट्विटर पर अपने एकाउंट से पोस्ट कर उन्होंने सवाल उठाया कि जो भारत का है, उसे अपना नाम रजिस्टर में दर्ज कराने में क्या परेशानी है.

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पहला मौका नहीं, जब अपर्णा ने मोदी सरकार के फैसले का खुला समर्थन किया हो. इससे पहले भी वह स्वच्छता अभियान पर केंद्र सरकार का समर्थन कर चुकी हैं. अपर्णा सपा की सदस्य हैं और साल 2017 में उन्होंने पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. एनआरसी के मुद्दे पर अपर्णा और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की राय अलग-अलग है.

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बता दें, दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ सोमवार को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन का समर्थन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी करते नजर आए. कहीं-कहीं ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, तो कहीं इसने हिंसक रूप ले लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन प्रदर्शनों को दुखद एवं निराशाजनक बताया और शांति की अपील की. जामिया के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और नागरिकता कानून के खिलाफ गुस्से का असर उत्तर प्रदेश से लेकर केरल और महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल तक में देखा गया.

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जामिया के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष एकजुट हो गया. कांग्रेस के अलावा चार अन्य राजनीतिक दल के नेताओं ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर जामिया परिसर में रविवार शाम की घटनाओं की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)