मुर्शिदाबाद हत्याकांड : पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा- घटना का राजनीति से कोई संबंध नहीं

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या के मामले में बढ़ते राजनीतिक विवाद  के बीच राज्य की पुलिस ने अपनी बात रखने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है.

मुर्शिदाबाद हत्याकांड : पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा- घटना का राजनीति से कोई संबंध नहीं

मुर्शिदाबाद में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी.

खास बातें

  • मुर्शिदाबाद हत्याकांड पर पुलिस का बयान
  • दो लोगों को लिया गया हिरासत में
  • मामला आपसी दुश्मनी का लग रहा है
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या के मामले में बढ़ते राजनीतिक विवाद  के बीच राज्य की पुलिस ने अपनी बात रखने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है. आपको बता दें कि मुर्शिदाबाद की घटना के बाद नादिया जिले में भी एक साधु की हत्या हो गई थी. बताया जा रहा है कि साल 2021 में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिससे राजनीतिक प्रतिद्वंदिता बढ़ गई है और जब से बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 16 सीटें जीती हैं उसके बाद से ऐसी घटनाएं और बढ़ गई हैं. मुर्शिदाबाद की घटना में एक सरकारी अध्यापक, उसकी गर्भवती पत्नी और बेटे की हत्या कर दी गई थी. जबकि नादिया जिले में 42 साल के साधु की हत्या की गई जो कि सोमवार से गायब थे. बीजेपी सांसद जगन्नाथ सरकार का कहना है कि वह बीजेपी कार्यकर्ता थे उनकी राजनीतिक संबंधों के चलते हत्या की गई है. इस बात का केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी समर्थन किया है. 

बीजेपी की ओर से लगाए जा रहे आरोपों के बीच मुर्शिदाबाद की घटना को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस ने ट्विटर पर सफाई दी है कि इस घटना का 'राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है' पुलिस का कहना है, ' मुर्शिदाबाद के कनाईगंज में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या दुखद घटना है. इस मामले में जांच शुरू होते ही दो लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. जांच में पाया गया है कि मृतक बंधुप्रकाश पाल किसी इंश्योरेंस और चेन कंपनी के लिए भी काम करते थे और 'वित्तीय चुनौतियों' से का सामना कर रहे थे. उनके परिवार ने भी उनका किसी भी राजनीतिक समूह से जुड़े होने से इनकार किया है. एक डायरी में मिले नोट में पाया गया है कि परिवार में आपसी मतभेद थे. सीआईडी को भी जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है. शुरुआती जांच में पाया गया है कि यह घटना व्यक्तिगत दुश्मनी से जुड़ी है. इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है.'

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आपको बता दें कि इस घटना के बाद से राजनीतिक बयान तेज हो गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, '"इसने मेरी अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है... एक RSS कार्यकर्ता श्री बंधुप्रकाश पाल, उनकी आठ महीने की गर्भवती पत्नी तथा उनके बच्चे को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में क्रूरता से काट डाला गया... उदारवादियों की ओर से एक शब्द भी नहीं कहा गया... 59 उदारवादियों की तरफ से ममता को एक खत भी नहीं... इस तरह कुछ खास घटनाओं पर ही प्रतिक्रिया दिए जाने से मुझे घिन आती है..."RSS के पश्चिम बंगाल के सचिव जिष्णु बसु के हवाले से समाचार एजेंसी ANI ने बताया कि बंधुप्रकाश पाल RSS कार्यकर्ता थे, और हाल ही में एक 'साप्ताहिक मिलन' (बैठक) से जुड़े रहे थे. वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की हालत खराब है और केंद्र चाहे तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकता है. उन्होंने साथ में भी जोड़ा कि लेकिन बीजेपी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात करती है लेकिन दिल्ली में टीएमसी के साथ दोस्ताना व्यवहार है. 
 

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