NMC बिल: अधर में MCI कर्मचारियों का भविष्य, पीएम मोदी से लगाई नौकरी बचाने की गुहार

इस कानून के एक प्रावधान के तहत लागू होने पर मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया (MCI) के सभी सदस्यों और कर्मचारियों को निकाल दिया जाएगा...

NMC बिल: अधर में MCI कर्मचारियों का भविष्य, पीएम मोदी से लगाई नौकरी बचाने की गुहार

नई दिल्ली:

मेडिकल शिक्षा को नियमित करने के लिए बनाए गए नए एनएमसी बिल को विवादों के बाद पार्लियामेंट की सेलेक्ट कमिटी को भेज दिया गया है. इस कानून के एक प्रावधान के तहत लागू होने पर मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया (MCI) के सभी सदस्यों और कर्मचारियों को निकाल दिया जाएगा, जिसे लेकर MCI के सैकड़ों कर्मचारियों ने अपनी नौकरी बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के लगभग 100 कर्मचारियों ने दस्तखत किए हैं और नए NMC बिल की धारा 58 को हटाने की मांग की गई है, जिसके मुताबिक़ मौजूदा स्वरूप में बिल लागू होते ही सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया जाएगा. इनका कहना है कि कुछ भ्रष्ट लोगों की वजह से सबको नौकरी से निकाला जाना ठीक नहीं है. कर्मचारियों का कहना है कि अगर कहीं सुनवाई नहीं हुई, तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

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MCI की सचिव डॉ रीना नैय्यर ने कहा, प्रधानमंत्री से कहा है कि सब भ्रष्ट नहीं है. लोगों को कहीं और एडजस्ट किया जाए, क्योंकि बिल के मुताबिक नए नियम न बनने तक पुराने MCI के नियमों के मुताबिक ही काम होगा. MCI में स्थायी, अस्थायी और नामित मिलाकर कुल 300 से भी ज्यादा कर्मचारी हैं. बिल की धारा 58 नहीं हटी तो अधिकारी से लेकर क्लर्क, चपरासी तक की नौकरी चली जाएगी.

VIDEO : नेशनल मेडिकल कमीशन बिल को स्थायी समिति को भेजने का फैसला
NMC बिल के खिलाफ IMA ने मंगलवार को देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल बुलाई थी, लेकिन विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजे जाने के फैसले के बाद उसे वापस ले लिया गया. अब इस पर सेलेक्ट कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.


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