पाकिस्तानी जासूस की रेलवे में घुसपैठ करने की थी कोशिश, सैन्य उपकरणों, जवानों की आवाजाही पर रख रहा था नजर : सूत्र

जांच एजेंसियां अब ये पता लगा रही हैं कि इन लोगों ने भारत में किन-किन लोगों से बातचीत की है और किन-किन लोगों ने इन्हें जानकारी दी थी. सूत्रों की मानें तो ये लोग कुछ रेलवे के कर्मचारियों के संपर्क में थे.

पाकिस्तानी जासूस की रेलवे में घुसपैठ करने की थी कोशिश, सैन्य उपकरणों, जवानों की आवाजाही पर रख रहा था नजर : सूत्र

दिल्ली में पकड़े गए पाकिस्तान के जासूस

खास बातें

  • 'सैन्य उपकरणों, जवानों की आवाजाही से जुड़ी जानकारी लेने की कोशिश में था'
  • दोनों जासूसों को सोमवार शाम को पाकिस्तान वापस भेज दिया गया
  • पाक उच्‍चायोग में असिस्टेंट वीज़ा ऑफिसर के तौर पर करते थे काम
नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को पकड़े गए दो पाकिस्तानी जासूसों में से एक सेना के जवानों और सैन्य हथियारों को ले जानी वाली ट्रेनों की आवाजाही पर नजर रखने की कोशिश कर रहा था. मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है. दोनों जासूसों को सोमवार शाम को पाकिस्तान वापस भेज दिया गया है. भारत सरकार ने दोनों पाकिस्तानी अधिकारियों को 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया है. दोनों पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करने का आरोप है. 

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान उच्‍चायोग (Pakistan High Commission) के वीज़ा सेक्शन में असिस्टेंट वीज़ा ऑफिसर के तौर पर काम करने वाले 42 साल के आबिद हुसैन और 44  साल के मोहम्मद ताहिर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार को दिल्ली के करोलबाग से हिरासत में लिया. इन पर आरोप है कि ये दोनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करते हैं और भारत में जासूसी कर रहे थे.   

समाचार एजेंसी एएफपी ने दूतावास के अधिकारियों के हवाले से कहा कि दोनों पाकिस्तानी जासूसों को सोमवार रात भारत से पाकिस्तान भेज दिया दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि आबिद हुसैन ने प्रमुख संगठनों और विभागों में काम कर रहे भारतीय अधिकारियों से संबध गांठने के लिए कई फर्जी पहचान पत्र बनवाए हुए थे. 

सूत्रों ने बताया कि आबिद के पास से नकली भारतीय आधार कार्ड बरामद हुआ है जिस पर नासिर गौतम और दिल्ली के गीता कॉलोनी का पता लिखा हुआ है. 

आबिद हुसैन ने गौतम के नाम से एक मीडियाकर्मी का भाई बनकर रेलवे में काम करने वाले एक कर्मचारी से संपर्क स्थापित किया था. उसने रेलवे के कर्मचारी को बताया था कि उसका भाई भारतीय रेलवे पर एक स्टोरी कर रहा है और उसके लिए उसे ट्रेनों की गतिविधियों के बारे में सूचनाएं चाहिए. सूत्रों ने बताया कि इसके पीछे उसकी असल मंशा रेलकर्मी को फंसाकर उससे ट्रेन के जरिए सेना के आवागमन और सैन्य उपकरणों की जानकारी हासिल करने की थी. 

जांच एजेंसियां अब ये पता लगा रही हैं कि इन लोगों ने भारत में किन-किन लोगों से बातचीत की है और किन-किन लोगों ने इन्हें जानकारी दी थी. सूत्रों की मानें तो ये लोग कुछ रेलवे के कर्मचारियों के संपर्क में थे. 

वीडियो: विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान उच्चायोग से दो कर्मचारियों को जासूसी के आरोप में निकाला
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