श्रीलंका में पीएम मोदी ने की चाय पर मजदूरों से चर्चा, कहा- 'आपमें और मुझमें कुछ समानता है'

प्रधानमंत्री ने चाय बेचने के अपने दिनों का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘आपमें और मुझमें कुछ समान है.

श्रीलंका में पीएम मोदी ने की चाय पर मजदूरों से चर्चा, कहा- 'आपमें और मुझमें कुछ समानता है'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका में कहा ‘चाय से मेरा विशेष जुड़ाव है’ (फाइल फोटो)

खास बातें

  • पीएम मोदी ने श्रीलंका में कहा, ‘चाय से मेरा विशेष जुड़ाव है.’
  • श्रीलंका से स्वदेश रवाना हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
  • पीएम मोदी ने ट्वीट कर श्रीलंका का किया शुक्रिया.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के चाय उत्पादक मध्य प्रांत में यहां तमिल समुदाय के सदस्यों से संपर्क साधते हुए कहा कि ‘चाय से मेरा विशेष जुड़ाव है.’ पीएम मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना तथा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की मौजूदगी में हजारों की संख्या में एकत्र तमिलों को अपने संबोधन में ‘‘चाय पे चर्चा’’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह केवल एक स्लोगन ही नहीं है बल्कि ईमानदार श्रम की गरिमा और ईमानदारी के सम्मान का प्रतीक है. प्रधानमंत्री ने सीलोन चाय की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन इसके पीछे कितना पसीना बहाना पड़ता है और श्रम करना पड़ता है, उस बारे में बहुत कम जानकारी है.

उन्होंने कहा, ‘‘अगर श्रीलंका आज चाय का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है तो ऐसा आपके कठिन परिश्रम की वजह से है. काम के प्रति आपके प्रेम के कारण ही श्रीलंका चाय के लिए विश्व की मांग की करीब 17 फीसदी जरूरत पूरी करता है और विदेशी मुद्रा में 1.5 अरब डालर से अधिक की राशि अर्जित करता है.’’ भारतीय मूल के तमिलों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा ‘‘आप श्रीलंका के फलतेफूलते चाय उद्योग की रीढ़ हैं जिसने अपनी सफलता और वैश्विक पहुंच से खुद को गौरवान्वित किया है.’’ चाय बगान के कर्मियों की कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनका योगदान श्रीलंका और उसके बाहर बहुत मायने रखता है.

प्रधानमंत्री ने चाय बेचने के अपने दिनों का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘आपमें और मुझमें कुछ समान है. आपने शायद सुना भी होगा कि चाय से मेरा विशेष जुड़ाव है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें आपके पूर्वज याद हैं. मजबूत इच्छाशक्ति और साहस वाले पुरुषों और महिलाओं ने भारत से तत्कालीन सीलोन (श्रीलंका) तक का अपना सफर तय किया. भले ही उनकी यात्रा आसान नहीं रही और उनका कड़ा संघर्ष रहा लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. आज हम उनके हौसले को याद करते हैं और उसे सलाम करते हैं.’’ पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी ने भी कड़ी मेहनत की है. उसे अपनी और अपने देश की पहचान बनाने की चुनौती का सामना करना पड़ा है.

बता दें, पीएम मोदी दो दिवसीय श्रीलंका दौरे का समापन कर शुक्रवार को भारत के लिए रवाना हो गए. मोदी ने ट्वीट किया, "शुक्रिया श्रीलंका! यह यादगार दौरा था, जिसमें मुझे वेसक दिवस समारोह सहित विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का मौका मिला."


एक अन्य ट्वीट में उन्होंने गर्मजोशी भरा स्वागत करने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरीसेना, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, श्रीलंका सरकार तथा वहां के लोगों का शुक्रिया अदा किया.
इससे पहले दिन में, मोदी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त 14वें अंतरराष्ट्रीय वेसक दिवस समारोह के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया. वेसक दिवस भगवान बुद्ध के जन्म, उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति तथा उनके महापरिनिर्वाण की स्मृति में मनाया जाता है. उन्होंने नावारा एलिया में भारतीय मदद से निर्मित एक मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने पाल्लेकेले में श्रीलंकाई अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अकादमी में कांड्यान नृत्य संकाय की आधारशिला रखी. यह कांड्यान नृत्य संकाय भारतीय मदद से निर्मित होगा. उन्होंने कैंडी में ऐतिहासिक पवित्र दंत मंदिर का भी दौरा किया. श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के आमंत्रण पर मोदी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर कोलंबो पहुंचे थे. साल 2015 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह दूसरा श्रीलंका दौरा है.

(इनपुट एजेंसियों से भी)

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