POCSO पर पीएम मोदी बोले, राक्षसी स्वभाव वालों को फांसी की सज़ा दी जाएगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा दिए जाने का कानून बनाया है, समाज और परिवार की जिम्मेदारी है कि बच्चियों का मान-सम्मान बना रहे.

POCSO पर पीएम मोदी बोले, राक्षसी स्वभाव वालों को फांसी की सज़ा दी जाएगी

पीएम मोदी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा दिए जाने का कानून बनाया
  • समाज और परिवार की जिम्मेदारी है कि बच्चियों का मान-सम्मान बना रहे
  • लड़कों को भी परिजनों को नसीहत देते रहना चाहिए
नई दिल्ली:

पॉक्‍सो (POCSO) कानून में हाल में केन्‍द्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राक्षसी स्वभाव वालों को फांसी की सज़ा दी जानी चाहिए. पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश के मंडला जिले के रामनगर में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का उद्घाटन करते हुए कहीं. 

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उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा दिए जाने का कानून बनाया है, समाज और परिवार की जिम्मेदारी है कि बच्चियों का मान-सम्मान बना रहे. साथ ही लड़कों को भी परिजनों को नसीहत देते रहना चाहिए. दिल्ली में बैठी सरकार जनता की आवाज सुनती है और इसी के चलते यह कानून बनाया गया है.

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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 2018 को मंजूरी दी गई. इसके बाद राष्‍ट्रपति ने रविवार को इस अध्‍यादेश को मंजूरी दे दी. 

जानें क्‍या- क्या है अध्‍यादेश में :

  • इसमें 16 वर्ष से कम आयु की किशोरियों और 12 वर्ष से कम आयु की बच्चियों से बलात्कार के दोषियों के खिलाफ सख्त दंड का प्रावधान किया गया है. इसके तहत 12 साल से कम उम्र के बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को अदालतों द्वारा मौत की सजा देने की बात कही गई है.
  • इसके अलावा बलात्कार के मामलों की तेज गति से जांच और सुनवाई के लिये भी अनेक उपाए किये गए हैं. महिला के साथ बलात्कार के संदर्भ में सजा को 7 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष के कारावास किया गया है जिसे बढ़ाकर उम्र कैद किया जा सकता है.
  • इसके साथ ही 16 वर्ष से कम आयु की किशोरी से बलात्कार के दोषियों को न्यूनतम सजा को 10 वर्ष कारावास से बढ़ाकर 20 वर्ष कारावास किया गया है जिसे बढ़ा कर उम्र कैद किया जा सकता है. 16 वर्ष से कम आयु की किशोरी से सामूहिक बलात्कार के दोषियों की सजा शेष जीवन तक की कैद होगी.
  • बारह साल से कम उम्र के बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को अदालतों द्वारा कम से कम 20 साल कारावास की सजा या मृत्यु दंड होगी. बारह साल से कम उम्र की लड़कियों से सामूहिक बलात्कार के दोषियों को शेष जीवन तक कैद या मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. 
  • बलात्कार से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई का काम दो महीने में पूरा करने का प्रावधान किया गया है. ऐसे मामलों में अपील की सुनवाई छह महीने में पूरा करने की बात कही गई है. 
  • अध्‍यादेश में यह कहा गया है कि 16 वर्ष से कम आयु की किशोरी से बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के आरोपी लोगों के लिये अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं होगा.
  • इसमें राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विचार विमर्श करके त्वरित निपटान अदालतों के गठन की बात कही गई है. सभी पुलिस थाने और अस्पतालों में विशेष फारेंसिक किट उपलब्ध कराने की बात कही गई है. 
  • अध्‍यादेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो यौन अपराध से जुड़े लोगों का राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार करेगा और इसे राज्यों के साथ साझा किया जायेगा.

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