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This Article is From Jun 29, 2020

जम्मू-कश्मीर: नई डोमिसाइल नीति पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा- यह असंवैधानिक, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का जवाब- अब समय का चक्र घूम गया है

जम्मू कश्मीर के नए अधिवास कानून (Domicile Law) को लेकर नेशनल और बीजेपी आमने सामने आ गई है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के बीच जमकर वार-पलटवार हुआ है.

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जम्मू-कश्मीर: नई डोमिसाइल नीति पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा- यह असंवैधानिक, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का जवाब- अब समय का चक्र घूम गया है
फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के नए अधिवास कानून को अवैध और असंवैधानिक करार दिया (फाइल फोटो))
नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर के नए अधिवास कानून (Domicile Law) को लेकर नेशनल और बीजेपी आमने सामने आ गई है, जहां एक तरफ नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष तथा श्रीनगर से लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला इसे अवैध तथा असंवैधानिक करार दे रहे हैं तो वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक इस कानून से नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के नेताओं में डर है. रविवार को श्रीनगर से लोकसभा सांसद और नेशनल कां फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नया अधिवास कानून "अवैध तथा असंवैधानिक" है और इस केन्द्र शासित प्रदेश की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में नए अधिवास कानून के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने पत्रकारों से कहा, "जब हम कह रहे हैं कि उन्होंने जो भी अवैध और असंवैधानिक किया है, हम सब उसके खिलाफ हैं तो आप ऐसा कैसे सोच सकते हैं कि जो भी असंवैधानिक है, मैं उसे स्वीकार कर लूंगा."  नए अधिवास कानून के अनुसार, वे अस्थायी निवासी जिनके पास कम से 15 साल से जम्मू-कश्मीर में रिहाइश का सबूत है, वह अधिवास प्रमाणपत्र या फिर डोमिसाइल सर्टिफिकेट के हकदार हैं.

वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थायी निवास के नए नियम से नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के नेताओं में डर है क्योंकि वे लंबे समय तक अपने वोट बैंक पर निर्भर रहे हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर के लोग ऐसे राजनेताओं की वजह से परेशान होते रहे जो बीते कुछ दशकों में पीढ़ी दर पीढ़ी वंशवाद को बढ़ाने के लिये अपने ही लोगों को धोखा देते रहे. बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने से पहले तक स्थायी निवासियों को ही जमीन खरीदने और सरकारी नौकरियों के लिये आवेदन की अनुमति थी. कार्मिक मंत्रालय में राज्य मंत्री सिंह ने कहा, “उनकी वास्तविक चिंता यह है कि नए कानून की वजह से देश के अन्य हिस्सों की तरह लोगों को स्वतंत्र मतदान का अधिकार मिल गया और अब जब अवैध रूप से सालों तक मतदान के अधिकार से वंचित रखे गए ये लोग मतदान करेंगे तो वे चुनावी परीक्षा में पास नहीं हो पाएंगे।”

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक अधिकारी ने उनको उद्धृत करते हुए कहा कि समय का चक्र अब घूम गया है और अब जम्मू कश्मीर कभी भी कुछ लोगों या कुछ परिवारों की जागीर नहीं रहेगा. सिंह ने कहा कि कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कुछ अन्य राजनीतिक दल जम्मू-कश्मीर के नए स्थायी निवास कानून से हिले हुए हैं. उन्होंने कहा, “और जब उनके नेता कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोग नए कानून से डरे हुए हैं तब तथ्य यह है कि वो खुद डरा हुआ महसूस कर रहे हैं क्योंकि वे खुद काफी समय तक बंधक बनाकर रखे गए इस वोटबैंक के कारण सत्ता में रहकर पनपते रहे और उनमें यह लोकतांत्रिक साहस नहीं था कि स्वतंत्रता से चुनावों का सामना कर सकें.” 

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