संसद में लाए जा रहे नागरिकता बिल पर उठने लगे सवाल, कई दल कर रहे विरोध

सरकार भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़गानिस्तान से आकर यहां अवैध ढंग से रह रहे लोगों को भी नागरिकता देने की तैयारी कर रही है बशर्ते वो मुसलमान न हों

संसद में लाए जा रहे नागरिकता बिल पर उठने लगे सवाल, कई दल कर रहे विरोध

संसद भवन.

नई दिल्ली:

एनआरसी का विवाद अभी ख़त्म नहीं हुआ है कि नागरिकता बिल पर फिर से सवाल शुरू हो गए हैं. सरकार अगले हफ़्ते ये बिल संसद में पेश करने की तैयारी में है. जबकि पूर्वोत्तर राज्यों सहित कई दल इसका विरोध कर रहे हैं. सरकार भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़गानिस्तान से आकर यहां अवैध ढंग से रह रहे लोगों को भी नागरिकता देने की तैयारी कर रही है बशर्ते वो मुसलमान न हों. बीजेपी को ये क़ानून बहुत ज़रूरी लग रहा है. अगले हफ़्ते अमित शाह इसे संसद में पेश कर सकते हैं.

बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि "ये बिल बेहद जरूरी है. ये बिल अगले हफ्ते संसद में आना चाहिए. ये बिल इसी सेशन में पास होगा."

हालांकि पूर्वोत्तर के कई राज्यों में महीनों से इस बिल का विरोध जारी है. कांग्रेस इसे अंसवैधानिक बता रही है. उसके मुताबिक ये बिल भारत की बुनियादी कल्पना के ख़िलाफ़ है. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि कांग्रेस इस बिल का विरोध करती है. ये बिल असंवैधानिक है.

दरअसल इस नागरिकता संशोधन बिल के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को नागरिकता दी जा सकेगी. हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को इस बिल का लाभ मिलेगा. मुसलमानों को इस दायरे में शामिल नहीं किया गया है.

तृणमूल याद दिला रही है कि असम के नागरिकता रजिस्टर से बाहर रह गए गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को फिर से नागरिकता देने के लिए ये बिल लाने की हड़बड़ी है. तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रे ने कहा कि हम सिटीजनशिप (अमेंडमेंट) बिल के खिलाफ हैं. ये संविधान विरोधी बिल है . एनआरसी के मुद्दे पर जो  प्रतिक्रिया हो रही है उसे कवरअप करने के लिए सरकार ये बिल लाने की तैयारी कर रही है.

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मिज़ोरम से राज्यसभा सांसद रोनाल्ड लॉस भी कहते हैं कि भारत में धर्म के आधार पर नागरिकता देना गलत होगा. अब देखना होगा बिल के खिलाफ उठ रहे इस विरोध से सरकार कैसे निपटती है.