पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में चीन का जिक्र नहीं, अनलॉक-2 और गरीबों पर रहा फोकस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिन नियमों का सतर्कता के साथ पालन किया गया था उनका पालन हमें अनलॉक के दौरान भी करना होगा.

पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में चीन का जिक्र नहीं, अनलॉक-2 और गरीबों पर रहा फोकस

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, बीते तीन महीनों में गरीबों के जनधन खातों में 31 हजार करोड़ रु. जमा कराए गए है.

खास बातें

  • कोरोना महामारी के बीच अनलॉक2 में लोग नियमों का पालन सख्ती से करें
  • आर्थिक मदद के लिए सरकार गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार कर रही है
  • आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाएं, लोकल फोर वोकल को प्रोत्साहन दें
नई दिल्ली:

कोरोनासंकट (Coronavirus) संकट और सीमा पर चीन के साथ तनातनी के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने राष्ट्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री में चीन के साथ जारी गतिरोध पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन कोरोना संकट पर देशवासियों को सतर्कता बरतने और सरकार द्वारा गरीबों को दी जाने वाली मदद के बारे में देशवासियों को जानकारी दी.पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही देशवासियों को अनलॉक के दौरान की जा रहा लापरवाही के बारे में आगह किया. उन्होंने कहा, 'कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते लड़ते अब हम अनलॉक2 (Unlock-2) में प्रवेश कर रहे हैं. इसके साथ ही हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं. जिसमें सर्दी जुकाम खांसी बुखार आदि बढ़ जाते हैं. मेरी आप सबसे प्रार्थना है कि ऐसे समय में अपना ध्यान रखें. अगर हम कोरोना से होने वाली मौतों की तुलना करें तो हम संभली हुई स्थिति में है. समय पर हुए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है. लेकिन हम यह भी देख रहे हैं. कि जब से देश में अनलॉक1 हुआ है, व्यक्तिगत और सामाजिक तौर पर लापरवाही बढ़ती ही चली गई है. पहले हम मास्क को लेकर दो गज की दूरी को लेकर बीस सेकंड दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क  थे लेकिन आज जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है तो लापरवाही बढ़ना चिंता का कारण है.' 

हर किसी को करना होगा नियमों का पालन
पीएम मोदी ने कहा, 'साथियों लॉकडाउन खोलने पर बहुत नियमों का पालन करना था. देश के नागरिकों को उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है. विशेषकर कन्टेनमेंट जोंस पर हमें बहुत ध्यान देना होगा, जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे, हमें उन्हें टोकना होगा,  रोकना होगा और समझाना भी होगा.

आपने देखा होगा कि एक देश के पीएम पर 13 हजार रु. का जुर्माना इसलिए लग गया क्योंकि वो सार्वजनिक स्थल पर मास्क नहीं पहनकर गए थे. भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती के साथ काम करना चाहिए. भारत में गांव और या देश का प्रधान कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है.

गरीब कल्याण योजना का लाभ मिला
देश हो या व्यक्ति, समय पर फैसले लेने से, संवेदनशीलता से फैसले लेने से, किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति बढ़ जाती है. इसलिए, लॉकडाउन होते ही सरकार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई: बीते तीन महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं. इस दौरान 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं. 

एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया है, आश्चर्य में डुबो दिया है. वो ये कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 3 महीने का राशन, यानि परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया. . इसके अलावा प्रत्येक परिवार को हर महीने 1 किलो दाल भी मुफ्त दी गई. यानि अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना ज्यादा लोगों को और यूरोपीयन यूनियन की आबादी से 2 गुना ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है.

गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार
पीएम ने कहा, 'आज मै इसी से जुड़ी एक महत्वपूर्व घोषणा करने जा रहा हूं. हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान कृषि क्षेत्र में ही मुख्य तौर पर ज्यादा काम होते है. अब देखिए सावन महीने के शुरू होते ही त्योहार शुरू हो जाते हैं. त्योहारों का यह समय जरूरत भी बढ़ता है और खर्च भी बढ़ाता है. हमने अब फैसला किया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दिवाली और छठ पूजा यानि नवंबर महीन के आखिरी तक कर दिया जाएगा....

....यानि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली ये योजना अब जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में भी लागू रहेगी. सरकार द्वारा इन पांच महीनों के दौरान 80 करोड़ लोगों को सरकार द्वारा 5 किलो गेंहू या 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक परिवार को एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा. इस योजना में 90 हजार करोड़ रुपए खर्च होगा. अगर इसमें पिछले तीन महीनों को खर्च भी जोड़ दें तो ये 1.50 लाख करोड़ रु हो जाता है.'

पूरे देश में एक राशन कार्ड व्यवस्था लागू होगी
पूरे भारत के लिए हमने एक सपना देखा है. कई राज्यों ने बहुत अच्छा काम किया हम बाकि राज्यों से भी इस पर आगे बढ़ने की योजना बना रहे है. अब पूरे देश में एक राशनकार्ड की व्यवस्था भी हो रही है. इसका लाभ उन लोगों को भी मिलेगा जो रोजगार या दूसरी जरूरतों के लिए अपना घर गांव छोड़कर कमाने के लिए दूसरे राज्यों में मजदूरी को ले लिए जाते हैं.

समाज के किसान और टैक्सपेयर्स का शुक्रिया
साथियों आज गरीब को जरूरतमंद को सरकार मुफ्त अनाज दे पा रही है उसका श्रेय दो लोगों को जाता है पहला किसान को दूसरा हमारे देश के टैक्सपेयर्स. जिनकी की वजह से देश मदद कर पा रहा है. आपने देश का अन्न भंडार भरा है इसलिए गरीब का चूल्हा जल रहा. आपने ईमानदारी से अपना टैक्स भरा है जिसकी वजह से देश गरीब की मदद कर पा रहा है. आज मैं देश के किसान और टैक्सपेयर्स को नमन करता हूं.

दो गज की दूरी का पालन करें
'हम सब आत्मनिर्भर भारत के अभियान को आगे बढ़ाएंगे. हम लोकल के लिए वोकल बनेंगे. आपसे आग्रह है कि सभी स्वस्थ्य रहिए दो गज की दूरी का पालन करें. कोई लापरवाही ना बरतें.'

Video:अनलॉक2 से पहले देश के नाम प्रधानमंत्री का संबोधन
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