किसान कानून: राष्ट्रपति कोविंद ने मिलने से किया इनकार, अब दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे पंजाब के CM अमरिंदर सिंह

पंजाब में रेल रोको आंदोलन का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने पंजाब जाने वाली ट्रेनें रोक दी थीं. इससे वहां पर जरूरी सामानों की आपूर्ति बाधित हो रही थी, इसे ही लेकर अमरिंदर सिंह राष्ट्रपति से मिलना चाहते थे.

किसान कानून: राष्ट्रपति कोविंद ने मिलने से किया इनकार, अब दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे पंजाब के CM अमरिंदर सिंह

अमरिंदर सिंह किसान कानूनों और मालगाड़ियों को रोके जाने पर बात करना चाहते हैं. (फाइल फोटो)

चंडीगढ़:

किसान कानूनों (Farm Laws Protests) के खिलाफ पंजाब में हुआ विरोध-प्रदर्शन अब दिल्ली के राजघाट पहुंचने वाला है. पंजाब के किसान दिल्ली में बुधवार को राजघाट पर प्रदर्शन करने वाले हैं. इस प्रदर्शन का आयोजन पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Punjab CM Amarinder Singh) और उनके विधायकों ने किया है. दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र सरकार की ओर से संसद में पास किए गए किसान कानूनों पर बातचीत करने के लिए अमरिंदर सिंह से मिलने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला किया है.

बता दें कि पंजाब में रेल रोको आंदोलन का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने पंजाब जाने वाली ट्रेनें रोक दी थीं. इससे वहां पर जरूरी सामानों की आपूर्ति बाधित हो रही थी, इसे ही लेकर अमरिंदर सिंह राष्ट्रपति से मिलना चाहते थे. पंजाब की सरकार ने विधानसभा में केंद्र के कानूनों के मुकाबले तीन नए बिल पास किए हैं, जिसके बाद प्रदर्शनों में कमी आई थी. हालांकि, केंद्र के इस कदम से अब किसानों में फिर गुस्सा है. मालगाड़ियों को रोके जाने से राज्य में गेहूं और सब्जियों के लिए आने वाले उर्वरक की आपूर्ति रुक गई है, राज्य प्रशासन का कहना है कि इससे ठंड की पूरी फसल पर असर पड़ेगा.

19 अक्टूबर को पंजाब विधानसभा में केंद्र के तीन नए कानूनों को ब्लॉक करने वाले तीन नए बिल पास किए गए थे, जिसके बाद किसानों ने रेलवे पटरियों से अपना प्रदर्शन हटा लिया था. हालांकि, इन कानूनों को भी राज्य के गवर्नर वीपी सिंह बडनोर से हरी झंडी नहीं मिली है. यह भी नहीं बताया गया है कि गवर्नर की ओर से देरी क्यों हो रही है.

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कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तीरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 विधेयक हाल ही में संसद में पारित हुए थे. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के इन्हें मंजूरी देने के बाद अब ये कानून बन चुके हैं. 

किसानों में डर है कि इससे वो निजी सेक्टर की दया के सहारे हो जाएंगे, वहीं सरकार का कहना है कि इससे उन्हें मंडियों में बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी और वो रिटेल विक्रेताओं से सीधा डील कर सकेंगे, जिससे कि उन्हें उनकी फसल पर बेहतर कीमत मिलेगी.

कांग्रेस और कई किसान संगठनों ने इन कानूनों का विरोध करते हुए कहा है कि यह मिनिमम सपोर्ट प्राइस के सिस्टम और कृषि उपज मंडी समिति को प्रभावित करते हैं. उनका कहना है कि इससे कॉरपोरेट कंपनियों को किसानों के साथ मनचाहा व्यवहार करने की छूट मिल जाएगी.

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