10 सितंबर को वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल हो सकते हैं राफेल जेट: सूत्र

सूत्रों के मुताबिक, 10 सितंबर को राफेल लड़ाकू विमान की आधिकारिक तौर पर इंडक्शन सेरेमनी हो सकती है.

10 सितंबर को वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल हो सकते हैं राफेल जेट: सूत्र

10 सितंबर को राफेल की इंडक्शन सेरेमनी कराने का रखा गया है प्रस्ताव. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • राफेल का वायुसेना में इंडक्शन
  • 10 सितंबर को हो सकती है सेरेमनी
  • वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय को भेजा है प्रस्ताव
नई दिल्ली:

फ्रांस के साथ फाइटर जेट्स के लिए हुई डील  (Rafale Deal) के तहत जुलाई के आखिर में लड़ाकू विमानों राफेल की पहली खेप (Fighter Jets Rafale) भारत पहुंच गई थी. इसके भारत आते ही इस बात की चर्चा होने लगी थी कि इसे वायुसेना में औपचारिक तौर पर कब शामिल किया जाएगा यानी इसका ऑफिशियल इंडक्शन (Official Induction Ceremony) कब होगा. अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि वायुसेना इन लड़ाकू विमानों के इंडक्शन के लिए 10 सितंबर को कार्यक्रम रखना चाहती है. जानकारी है कि इन विमानों को एयरफोर्स की 17वीं स्क्वॉड्रन, जिसे 'Golden Arrows' भी कहा जाता है, में शामिल किया जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक, 10 सितंबर को राफेल लड़ाकू विमान की आधिकारिक तौर पर इंडक्शन सेरेमनी हो सकती है. जानकारी है कि भारतीय वायु सेना ने इस तारीख को इंडक्शन सेरेमनी आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है. इसके लिए रक्षा मंत्री के कार्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है. हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से सेरेमनी में शामिल होने को लेकर अभी आधिकारिक रजामंदी नहीं आई है. दअरसल, रक्षा मंत्री का 4 से 6 सितंबर तक रूस दौरा प्रस्तावित है, ऐसे में अभी इस तारीख पर अभी फैसला नहीं लिया गया है.

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बता दें कि फ्रांस के साथ हुए 36 राफेल विमानों की पहली खेप में पहले पांच विमान 28 जुलाई को भारत पहुंचे. हरियाणा के अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पर इनका स्वागत किया गया था. ये विमान फ्रांस के बोर्डू के मैरिंग्या एयरफोर्स बेस से 7,000 किलोमीटर की यात्रा करके भारत पहुंचे थे. इन जेट्स को राफेल उड़ाने में ट्रेनिंग ले चुके भारतीय वायुसेना के कमांडर्स भारत लेकर आए हैं. फ्रांस में ही फ्रेंच एविएशन कंपनी दसॉ एविएशन ने इन विमानों का निर्माण किया है. पिछले साल से यहां पर भारतीय एयरफोर्स कमांडर्स और टेक्नीशियन क्रू को ट्रेनिंग दी जा रही थी. बाकी विमानों को अभी ट्रेनिंग के उद्देश्यों से फ्रांस में ही रखा गया है. फ्रांस की ओर से कहा गया है कि डील के तहत 2022 के पहले तक सभी विमानों की डिलीवरी हो जाएगी.

भारत ने पिछले 20 सालों में पहली बार किसी पश्चिम देश से इतनी बड़ी मिलिट्री डील की है. 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस और भारत के बीच 36 राफेल जेट्स के लिए 59,000 करोड़ की डील हुई थी.

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