सहारनपुर के राजपूतों ने बीजेपी को चेताया, कहा - हमें न्‍याय दो या हमारे वोट से हाथ धो बैठो

गुस्‍साए लोगों को शांत करने के लिए सांसद लखनपाल सब्र रखने को कहते हैं. लेकिन पुंढीर पूछते हैं, 'आखिर हम कैसे शांत रहें', और यह कहते हुए उनकी आवाज भावुक हो उठती है.

सहारनपुर के राजपूतों ने बीजेपी को चेताया, कहा - हमें न्‍याय दो या हमारे वोट से हाथ धो बैठो

एनडीटीवी से बात करते सहारनपुर के सांसद राघव लखनपाल

खास बातें

  • मामले से निपटने के प्रशासन के तौर तरीके से दोनों ही समुदाय नाखुश हैं
  • गुस्‍साए लोगों को शांत करने के लिए लखनपाल सब्र रखने को कहते हैं
  • हालिया विधानसभा चुनावों में दलितों ने बीजेपी को वोट दिया था
सहारनपुर:

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के अपने आलीशान घर में बीजेपी के सांसद राघव लखनपाल का सामना कुछ गुस्साए राजपूतों के एक समूह से हुआ. ये सब उन 11 युवकों के रिश्‍तेदार हैं जिन्‍हें यूपी पुलिस ने उन दलितों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जो इसी हफ्ते बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती की रैली से लौट रहे थे. क्षेत्र में पिछले करीब महीने भर से जातीय संघर्ष जारी है और झड़पों में अब तक एक दलित लड़के की गोली लगने से मौत हो चुकी है जबकि 15 बुरी तरह से घायल हैं. खुद को बीजेपी का मुख्‍य राजनीतिक आधार मानने वाले राजपूत इन गिरफ्तारियों से नाराज प्रतीत होते हैं. उनका दावा है कि उनके लड़के निर्दोष हैं और उन्‍हें जेल से रिहा किया जाना चाहिए.

सांसद लखनपाल सवाल करते हैं, एक ही परिवार के पांच लोग उठा लिए गए. क्‍या वो सभी आतंकवादी हैं? मांगेराम पुंढीर के घर के पांच सदस्‍यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस हिंसा ने बीजेपी की दुविधा भी सामने ला दी है. राजपूत समुदाय बीजेपी का वफादार वोट बैंक है, लेकिन पार्टी दलितों को भी हरगिज नाराज नहीं कर सकती जिनके लगातार बढ़ते समर्थन ने राज्‍य में बीजेपी के इतने विशाल जनादेश में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

गुस्‍साए लोगों को शांत करने के लिए लखनपाल सब्र रखने को कहते हैं. पुंढीर पूछते हैं, 'आखिर हम कैसे शांत रहें', और यह कहते हुए उनकी आवाज भावुक हो उठती है. लखनपाल राजपूतों को आश्‍वस्‍त करते हैं कि उन्‍होंने पुलिस से निष्‍पक्ष जांच करने को कहा है. उन्‍होंने कहा, 'मैंने पुलिस से कहा है कि जो कोई भी दोषी हो उसे बख्‍शा नहीं जाना चाहिए लेकिन किसी पर भी गलत आरोप भी नहीं लगने चाहिए.'

इसी तरह, लखनपाल को दलितों के बीच से इस डर को भी दूर करना है कि बीजेपी केवल राजपूतों की पक्षधर नहीं है.

उन्‍होंने NDTV से कहा, 'हमें दोनों समुदायों के साथ मिलकर बैठने की जरूरत है, हमें सभी तरह के तनावों से मुक्‍त होकर यह सुनिश्‍चि‍त करने की जरूरत है कि भविष्‍य में वो शांति के साथ रह सकें.'

लेकिन मामले से निपटने के प्रशासन के तौर तरीके से दोनों ही समुदाय नाखुश हैं.

बैठक के बाद जिन राजपूतों से हमने बात की उनका बीजेपी के लिए स्‍पष्‍ट संदेश है. पुंढिर ने कहा, 'अगर हमें न्‍याय नहीं मिलता तो हम बीजेपी के लिए वोट क्‍यों करेंगे?' उन्‍होंने कहा, '2019 (लोकसभ चुनाव) में स्थिति बहुत अलग हो सकती है.'

बाद में हम शब्‍बीरपुर गए. सहारनपुर शहर के दक्षिण में स्थित दलितों और राजपूतों का यह वही गांव है जो इस हिंसा के केंद्र के रूप में उभरा है. इसी महीने दलितों के इलाके से राजपूतों का जुलूस निकाले जाने को लेकर हुए संघर्ष में राजपूतों द्वारा दलितों के कई घर जला दिए गए. इस हिंसा में एक राजपूत शख्‍स की मौत भी हो गई.

यहां वैसे तो दलित परंपरागत रूप से बसपा के वफादार हैं, वो कहते हैं कि हालिया विधानसभा चुनावों में उन्‍होंने बीजेपी को वोट दिया था.

लेकिन उन्‍होंने भी एक अजीब चेतावनी दी है. गांव के निवासी जगपाल कहते हैं, 'यह घटना सीधे बीजेपी को प्रभावित करेगी.' जब हमने पूछा कि अच्‍छा या बुरा तो उन्‍होंने कहा, ये तो वक्‍त ही बताएगा.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com