सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण : संविधान पीठ ने सुनवाई पूरी की, फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ को तय करना है कि 12 साल पुराने आदेश पर फिर से विचार करने की जरूरत है या नहीं

सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण : संविधान पीठ ने सुनवाई पूरी की, फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट.

खास बातें

  • सरकारों ने सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण की वकालत की
  • याचिकाकर्ताओं ने किया है पदोन्नति में आरक्षण का विरोध
  • कोर्ट ने सवाल उठाया, क्या SC/ST में क्रीमी लेयर के नियम लागू होते हैं
नई दिल्ली:

सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​की संविधान पीठ के समक्ष इस तरह के कोटा के खिलाफ 2006 के नागराज फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो गई.

संविधान पीठ को यह तय करना है कि 12 साल पुराने आदेश पर फिर से विचार करने की जरूरत है या नहीं. केंद्र और राज्य सरकारों ने जहां सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण की वकालत की है, वहीं याचिकाकर्ताओं ने इसका विरोध किया है. केंद्र ने कहा है कि संविधान में SC/ST को पिछड़ा ही माना गया है.

यह भी पढ़ें :  'आरक्षण का कानून बिना बहस के ही दोनों सदनों में पारित करना खतरनाक'

गौरतलब है कि अक्टूबर 2006 में नागराज बनाम भारत संघ के मामले में पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मुद्दे पर निष्कर्ष निकाला कि राज्य नौकरी में पदोन्नति के मामले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण करने के लिए बाध्य नहीं है. हालांकि अगर वे अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करना चाहते हैं और इस तरह का प्रावधान करना चाहते हैं तो राज्य को वर्ग के पिछड़ेपन और सार्वजनिक रोजगार में उस वर्ग के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता दिखाने वाला मात्रात्मक डेटा एकत्र करना होगा.

VIDEO : प्रमोशन में आरक्षण बिल पर धक्का-मुक्की

सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था कि क्या SC/ST में क्रीमी लेयर के नियम लागू होते हैं .केंद्र सरकार ने कहा कि SC/ST में क्रीमी लेयर को लेकर कोई फैसला नहीं है.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com