जेपी एसोसिएट्स 27 अक्‍टूबर तक 2000 करोड़ रुपए जमा करे : सुप्रीम कोर्ट

जेपी इन्फ्राटेक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिवाला प्रक्रिया में लगी रोक में संशोधन किया है. हालांकि दिवाला प्रक्रिया जारी रहेगी लेकिन कोर्ट ने इस मामले में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं.

जेपी एसोसिएट्स 27 अक्‍टूबर तक 2000 करोड़ रुपए जमा करे : सुप्रीम कोर्ट

जेपी इन्फ्राटेक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं (प्रतीकात्‍मक फोटो)

खास बातें

  • कोर्ट ने दिवाला प्रकिया में लगी रोक में किया संशोधन
  • जेपी इन्‍फ्राटेक मामला आईआरपी को सौंप दिया
  • यह फ्लैट बायर्स के लिए योजना तैयार कर कोर्ट को सौंपेगी
नई दिल्‍ली:

जेपी इन्फ्राटेक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिवाला प्रक्रिया में लगी रोक में संशोधन किया है. हालांकि दिवाला प्रक्रिया जारी रहेगी लेकिन कोर्ट ने इस मामले में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. कोर्ट ने मामला इंसोल्वेंसी रिज्युलेशन प्रोफेशनल (आईआरपी) को सौंप दिया है जो जेपी से सारे रिकॉर्ड हासिल करके फ्लैट बायर्स के लिए योजना तैयार करके इस 45 दिनों की समयसीमा के भीतर सुप्रीम कोर्ट को सौंपेंगे.  यही नहीं जेपी इंफ्रा और एसोसिएटस के प्रंबंध निदेशक या निदेशक सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोडकर नहीं जा सकेंगे. इसके साथ ही 7 अक्टूबर तक जेपी एसोसिएटस सुप्रीम कोर्ट में 2000 करोड रुपये जमा करेंगे.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में खरीदारों को लेकर चिंतित हैं. खरीदार मध्‍यम वर्ग से हैं.ऐसे में हमारी चिंता उनके लिए हैं न कि कंपनियों के लिए. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि दिवाली प्रक्रिया पर रोक लगाने ने कंपनी को हो फायदा हुआ है. मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी.

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जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्राटेक को लेकर आईडीबीआई  बैंक की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के आदेश पर संशोधन की मांग की है. उसकी ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है, उससे फ्लैट खरीदारों को नही बल्कि जेपी इन्फ्रा को फ़ायदा हुआ है.

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बैंक की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि कल के आदेश के बाद अगर कोई चैन से सोया होगा तो वो जेपी इन्फ्राटेक होगा. साथ ही ये भी कहा कि जेपी इन्फ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक के बाद सारा प्रोजेशन वापस जेपी इन्फ्राटेक के पास चला गया. उन्‍होंने मांग की कि  NCLT के आदेश को बहाल किया जाना चाहिए क्योंकि जेपी इन्फ्राटेक को टेकओवर कर लिया गया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वापस कंपनी जेपी के पास चली गई.

वीडियो : असमंजस में हैं जेपी के हजारों फ्लैट खरीदार
दरअसल 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इस मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है. इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 32,000 फ्लैट खरीददारों को राहत मिली है, जिन्होंने कंपनी की परियोजनाओं में निवेश किया था.


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