किरण बेदी बनाम पुदुच्चेरी सरकार : SC ने सरकार के वित्तीय फैसले लेने पर रोक के आदेश को बरकार रखा

पुदुच्चेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी और सरकार के बीच टकराव के मुद्दे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा वित्तीय फैसले लेने पर रोक का आदेश बरकरार रखा है.

किरण बेदी बनाम पुदुच्चेरी सरकार : SC ने सरकार के वित्तीय फैसले लेने पर रोक के आदेश को बरकार रखा

पुदुच्चेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली :

पुदुच्चेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी और सरकार के बीच टकराव के मुद्दे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा वित्तीय फैसले लेने पर रोक का आदेश बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुदुचेरी सरकार और राज्यपाल अपनी रस्साकसी अलग रखें. कोर्ट ने कहा कि सभी मुद्दों पर जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई होगी. इस दौरान पुदुच्चेरी सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि पिछली बार वित्तीय फैसलों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी. लेकिन कैबिनेट ने फ्री राशन, एक विभाग का नाम बदलने और एक बीमार मिल की नीलामी के फैसले करने हैं. अगर फ्री राशन की अनुमति नहीं मिली तो गरीबों को चावल नहीं मिलेगा जो दस साल से सभी को मिल रहा है. वहीं केंद्र सरकार ने इसका विरोध किया और कहा कि सरकार की सभी गरीबों को फ्री राशन नहीं बल्कि बीपीएल कार्ड धारकों को ही राशन देने की योजना है. 

LG बनाम पुदुच्चेरी सरकार: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के वित्त और भूमि संबंधी फैसले लागू करने पर लगाई रोक

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सुप्रीम कोर्ट ने पुदुच्चेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी द्वारा प्रदेश में प्रशासनिक कामकाज पर यथास्थिति के आदेश के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की. पुदुच्चेरी सरकार के वित्त व भूमि संबंधी फैसले लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है. चार जून को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्रशासित प्रदेश सरकार सात जून को होने वाली कैबिनेट मीटिंग हो सकती है लेकिन इसमें वित्तीय और जमीन संबंधी लिया गया फैसला 21 जून तक लागू नहीं होगा.सुप्रीम कोर्ट ने किरण बेदी की अर्जी पर पुदुच्चेरी सरकार को नोटिस जारी किया था. मुख्यमंत्री नारायणसामी को भी मामले में पक्षकार बनाया, नारायणसामी को भी नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कहा कि वित्त व सेवाओं संबंधी मामले में यथास्थिति बरकरार रहेगी. दरअसल मद्रास हाइकोर्ट ने 30 अप्रैल को एक फैसले में कहा था कि एलजी को मंत्रिपरिषद की सलाह का पालन करना चाहिए. इस मामले में केंद्र और किरण बेदी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर नोटिस जारी किया गया था.