राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के सर्वाधिकार PM को देने पर शिवसेना असहमत : सूत्र

रविवार सुबह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास 'मातोश्री' पहुंचे, जहां सवा घंटे तक उनकी बैठक चली. बैठक में शिवसेना प्रमुख के बेटे आदित्य भी शरीक हुए, जबकि अमित शाह का साथ देने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष रावसाहब दानवे शामिल हुए.

राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के सर्वाधिकार PM को देने पर शिवसेना असहमत : सूत्र

खास बातें

  • रविवार सुबह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख से भेंट की
  • बैठक में उद्धव के पुत्र आदित्य, महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस भी मौजूद थे
  • सूत्रों के मुताबिक शिवसेना प्रत्याशी चुनने का हक पीएम को नहीं देना चाहती
मुंबई:

राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में आम राय बनाने की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के सर्वाधिकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने पर एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने असहमति जताई है.

इसी कवायद को लेकर रविवार सुबह 10 बजे के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास 'मातोश्री' पहुंचे, जहां सवा घंटे तक उनकी बैठक चली. बैठक में शिवसेना प्रमुख अपने बेटे आदित्य समेत शरीक हुए, जबकि अमित शाह का साथ देने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष रावसाहब दानवे शामिल हुए.

बैठक में बीजेपी की तरफ से प्रस्ताव दिया गया कि राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार चुनने के सर्वाधिकार एनडीए में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए हैं, सो, शिवसेना भी इसका समर्थन करे. ज्ञात हो कि शिवसेना अपनी तरफ से बिना पूछे पहले सरसंघचालक मोहन भागवत और बाद में कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन के नामों को आगे कर चुकी है. बीजेपी की कवायद थी कि शिवसेना नामों को सुझाने के बजाय एनडीए का अनुशासन बनाए रखे.

सूत्र बता रहे हैं कि शिवसेना ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार किया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी अपने उम्मीदवार का नाम बिना बताए शिवसेना से समर्थन की अपेक्षा कैसे कर रही है. ठाकरे का तर्क है कि वह अपने तरफ से दो नामों की घोषणा कर चुके हैं, सो, बीजेपी को उन पर प्रतिक्रिया देनी होगी. अगर नाम तय करना है तो एनडीए तय करेगा, केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं. ऐसे में बैठक ख़त्म कर खाली हाथ लौटने के सिवाय बीजेपी नेताओं के पास कोई और चारा नहीं था.


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