मणिपुर में 62 एनकाउंटरों की जांच करेगी CBI : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में व्‍यवस्‍था देते हुए कहा है कि एनकाउंटर के 62 मामलों की जांच CBI करेगी.

मणिपुर में 62 एनकाउंटरों की जांच करेगी CBI : सुप्रीम कोर्ट

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

मणिपुर में सेना और पुलिस द्वारा 1528 फर्जी एनकाउंटर के आरोप के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में व्‍यवस्‍था देते हुए कहा है कि एनकाउंटर के 62 मामलों की जांच CBI करेगी. सीबीआई डायरेक्टर को जांच टीम बनाने के आदेश दिए गए हैं. इनमें सेना के करीब 28 एनकाउंटर हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई डायरेक्टर दो हफ्तों में बताएं कि आदेश का पालन कर टीम बनाई या नहीं. इस मामले मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी.

दरअसल इस मामले में कोर्ट को ये तय करना था कि एनकाउंटर की जांच SIT या NHRC से कराई जाए. दरअसल पिछले साल बड़ा फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी एनकाउंटर की जांच के आदेश दिए थे और कहा था कि वो तय करेगा कि ये जांच कौन करेगा. मणिपुर में सेना द्वारा फर्जी एनकाउंटर मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि LoC पर कौन फायर करेगा, ये कोर्ट फैसला नहीं कर सकता. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग यानी NHRC को संसद के दिए अधिकारों से ज्यादा अधिकार देना एक तरह से न्यायिक कानून बनाना होगा.

तब केंद्र की ओर से AG मुकुल रोहतगी ने उस मुद्दे पर दलील देते हुए कहा था कि मणिपुर एनकाउंटर की जांच NHRC से नहीं कराई जा सकती और ना ही उसकी सिफारिशों को मानने के लिए बाध्य किया जा सकता है.

वहीं NHRC की ओर से कहा गया कि वो एनकाउंटर की जांच करने को तैयार है भले ही इसके पास लोगों की कमी है. साथ ही ये भी कहा गया कि उसकी सिफारिशें सरकार पर बाध्यकारी हैं. अपने फैसले में कोर्ट ने कहा था कि अगर AFSPA लगा है और इलाका भी डिस्टर्ब एरिया के तहत क्लासीफाइड भी है तो भी सेना या पुलिस ज्यादा फोर्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्रिमिनल कोर्ट को एनकाउंटर मामलों के ट्रायल का अधिकार है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेना और पुलिस के ज्यादा फोर्स और एनकाउंटरों की स्वततंत्र जांच होनी चाहिए. कौन सी एजेंसी ये जांच करेगी, ये कोर्ट बाद में तय करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर के 1528 एनकाउंटरों की जांच होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अमाइक्स क्यूरी से उन सब 62 मामलों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी जिन्हें जस्टिस संतोष हेगड़े या NHRC ने फर्जी बताया. कोर्ट ने कहा, सेना हर केस में कोर्ट आफ इंक्वायरी करने को स्वतंत्र है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में एनकाउंटर मामलों की जांच सीबीआई या SIT से कराने की मांग की गई थी. सेना पर 2000 से 2012 के बीच करीब 1500 लोगों के फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप है.

हालांकि सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा था कि भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई के तहत ये एनकाउंटर किए थे. ये कार्रवाई सेना को विदेशी ताकतों को रोकने और देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए करनी पड़ी. 2013 में बनाई गई जस्टिस संतोष हेगड़े की कमेटी ने 1500 एनकाउंटरों की जांच की सिफारिश की थी. केंद्र ने इस रिपोर्ट को रद्द करने की मांग की है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने करीब आठ मामलो की जांच के आदेश दिए थे.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com