पालघर में साधुओं की हत्या का मामला, महाराष्ट्र पुलिस की चार्जशीट का परीक्षण करेगा SC

पालघर (Palghar Mob Lynching Case) में दो साधुओं की भीड़ द्वारा हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) की चार्जशीट का परीक्षण करेगा.

पालघर में साधुओं की हत्या का मामला, महाराष्ट्र पुलिस की चार्जशीट का परीक्षण करेगा SC

सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र पुलिस की चार्जशीट का परीक्षण करेगा. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

पालघर (Palghar Mob Lynching Case) में दो साधुओं की भीड़ द्वारा हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) की चार्जशीट का परीक्षण करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से मामले में दाखिल दोनों चार्जशीट अदालत के सामने रखने को कहा है. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से यह भी पूछा कि इस मामले में पुलिस अफसरों की भूमिका पर क्या जांच हुई है और उन पर क्या कार्रवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट तीन हफ्ते बाद मामले की सुनवाई करेगा.

केंद्र सरकार ने भी कहा कि अदालत को महाराष्ट्र पुलिस की चार्जशीट पर जांच पर विचार करना चाहिए. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम न्यूज पेपर की रिपोर्ट से नहीं जाएंगे. अगर यहां अपराध के लिए पुलिस जिम्मेदार है, तो देखने की जरूरत है. चूंकि SC इस मामले की सुनवाई कर रहा है, इसलिए राज्य को तीसरी चार्जशीट दाखिल न करने दें और अब तक दर्ज की गईं दो चार्जशीट्स को रिकॉर्ड में डालें. महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले में दो आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं और तीसरा आरोप पत्र सोमवार को दाखिल करेंगे. तीसरा आरोप पत्र पुलिसवालों पर हमले को लेकर है.

पालघर लिंचिंग मामले के पांच और आरोपी कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए

याचिकाकर्ता शशांक शेखर झा ने कहा कि जल्द से जल्द केस की सीबीआई जांच की जरूरत है. इस मामले में जूना अखाड़ा की ओर से कहा गया है कि महाराष्ट्र राज्य ने हाईकोर्ट में कहा है कि चूंकि SC में मामला लंबित है, इसलिए इसे HC में स्थगित कर दिया जाना चाहिए. महाराष्ट्र ने एक ही घटना में दो एफआईआर दर्ज की हैं. यदि चार्जशीट दायर की जाती है, तब भी वे बरी हो जाएंगे. सबूतों को भी संरक्षित करने के लिए कुछ निगरानी की आवश्यकता है. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सीलबंद लिफाफे को हमसे दूर रखा गया है. हमारा देश साधुओं की भूमि है और हमें न्याय नहीं मिला है. उन साधुओं को मार दिया गया और पुलिस साधुओं को लेने जा रही थी. जस्टिस अशोक भूषण ने सरकार से पूछा कि पुलिस के खिलाफ जांच का क्या हुआ. महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि हमने एक हलफनामा दायर किया है.

पालघर लिंचिंग मामला : CBI-NIA जांच की याचिका पर SC ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को भेजा नोटिस

जस्टिस भूषण ने कहा कि लेकिन कारण बताओ नोटिस के बाद क्या हुआ. आपको चार्जशीट यहां रिकॉर्ड पर जमा करनी होगी. याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य को एक हलफनामा दाखिल करना चाहिए, जिसमें बताया जाए कि क्या जांच की गई है और उनके पास किस तरह के साक्ष्य हैं. पालघर हिंसा मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. महाराष्ट्र पुलिस ने पालघर मामले में CBI/NIA जांच का विरोध किया है. पुलिस ने कहा कि अभी जांच चल रही है. जांच की डिटेल सार्वजनिक नहीं कर सकते.

बुलंदशहर में साधुओं की हत्या को लेकर संजय राउत ने किया Tweet, 'जिस तरह से कुछ लोगों ने पालघर मामले को...'

महाराष्ट्र पुलिस ने बताया कि जांच की रिपोर्ट सील कवर में कोर्ट में दाखिल कर दी है. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा दाखिल मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया है. सुप्रीम कोर्ट उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें पुलिस के घटना में मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पालघर मामले की जांच अदालत की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) या NIA को सौंपने की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. अदालत ने कहा था कि वो जानना चाहती है कि मामले की जांच कहां तक पहुंची. इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस की जांच रिपोर्ट दाखिल कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को एक साथ सूचीबद्ध करने के आदेश दिए. सुप्रीम कोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर मामले की जांच CBI/SIT से कराने की मांग की गई है.

VIDEO: पालघर साधु हत्याकांड धार्मिक द्वेष का मामला नहीं

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com