आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अब स्कूल-सिम और बैंक के लिए आधार जरूरी नहीं, जानें कहां जरूरी और कहां गैर जरूरी होगा आधार

आधार की अनिवार्यता (Aadhaar verdict) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme Court) अहम फैसला सुना दिया.

आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अब स्कूल-सिम और बैंक के लिए आधार जरूरी नहीं, जानें कहां जरूरी और कहां गैर जरूरी होगा आधार

आधार की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नई दिल्ली:

आधार की अनिवार्यता (Aadhaar verdict) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme Court) अहम फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता को कुछ बदलावों के साथ बरकरार रखा. आधार की संवैधानिकता (Aadhaar constitutional validity) को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया और कहा कि आधार को अब से बैंक खातों से लिंक करना अनिवार्य नहीं होगा. साथ ही कोर्ट ने कहा मोबाइल कंपनियां भी अब आधार नहीं मांग सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत का फैसला पढ़ते हुए यह माना कि आधार आम आदमी की पहचान है.  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 38 दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद 10 मई को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले में उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी की याचिका सहित कुल 31 याचिकाएं दायर की गयी थीं.

तो चलिए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने किन-किन चीजों के लिए आधार को अनिवार्य नहीं माना है...

1. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब से स्कूलों में आधार जरूरी नहीं होगा. 
2. अब बैंक खातों से आधार को लिंक करना जरूरी नहीं. बैंक खाते से आधार को लिंक करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया. 
3. सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा कि मोबाइल के लिए आधार जरूरी नहीं. 
4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई मोबाइल और निजी कंपनी आधार नहीं मांग सकती.
5. UGC, NEET तथा CBSE परीक्षाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा

इन -इन जगहों पर आधार होगा जरूरी...

1.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार और पैन को जोड़ना जरूरी होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से पैन कार्ड को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा. 
2. सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में आधार जरूरी होगा. 
3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा मामलों में एजेंसियां मांग सकती है आधार

दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केंद्र ने आधार योजना का बचाव किया था कि जिनके पास आधार नहीं है उन्हें किसी भी लाभ से बाहर नहीं रखा जाएगा. आधार सुरक्षा के उल्लंघन के आरोपों पर केंद्र ने कहा कि डेटा सुरक्षित है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता. केंद्र ने यह भी तर्क दिया कि आधार समाज के कमजोर और हाशिए वाले वर्गों के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें बिचौलियों के बिना लाभ मिलते हैं और आधार ने सरकार के राजकोष में 55000 करोड़ रुपये बचाए हैं. 

फैसला पढ़ते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से बड़े वर्ग को फायदा. साथ ही प्राइवेट पार्टी भी डेटा नहीं देख सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार के पीछे तार्किक सोच. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑथेंटिकेशन डाटा सिर्फ 6 महीने तक ही रखा जा सकता है. कम से कम डेटा होना चाहिए. आधार की अनिवार्यता पर फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बायोमीट्रिक डेटा की नकल नहीं की जा सकती.

इससे पहले आधार को लेकर कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने वाले महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी का कहना है, "इस फैसले का असर बहुत दूर तक होगा, क्योंकि आधार बहुत-सी सब्सिडी से जुड़ा है... यह लूट और बरबादी को रोकने में भी कारगर है, जो होती रही हैं... मुझे उम्मीद है कि फैसला आधार के हक में आएगा... डेटा की सुरक्षा बेहद अहम है, और सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह डेटा की सुरक्षा करेगी... इस सिलसिले में कानून भी लाया जा रहा है..."

The judgement will have a far reaching effect because #Aadhaar is relevant for a large no. of subsidies. It is also relevant to plug loot & waste that has happened. I hope the judgement is in favour of #Aadhaar: Mukul Rohatgi, as AG he represented the government in Aadhaar case pic.twitter.com/Eb7ai0BNaQ

— ANI (@ANI) September 26, 2018

वहीं, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि आधार अनिवार्य नहीं किया जा सकता और यह निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है. याचिकाकर्ताओं ने आधार कानून पर भी तर्क दिया कि ये मानव जीवन को प्रभावित करता है और ये कानून के रूप में नहीं रह सकता. आधार की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की सविंधान पीठ के पास है. 

आधार को सिम से जोड़ने का कोई आदेश नहीं, फिर सर्कुलर में कैसे : सुप्रीम कोर्ट

38 सुनवाई हुई सुप्रीम कोर्ट में. 17 जनवरी से शुरु हुई थी आधार की सुनवाई. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण की संविधान पीठ ने की थी सुनवाई. आधार पर फैसला आने तक सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा बाकी सभी केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं में आधार की अनिवार्यता पर रोक लगाई गई है। इनमें मोबाइल सिम व बैंक खाते भी शामिल हैं. AG के के वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दूसरी सबसे बडी सुनवाई है इससे पहले 1973 में मौलिक अधिकारों को लेकर केशवानंद भारती केस की सुनवाई करीब पांच महीने चली थी. 

VIDEO: आधार कार्ड की अनिवार्यता पर SC की संविधान पीठ आज सुनाएगी फैसला

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