GST एक्ट में क्या बिना FIR गिरफ्तारी हो सकती है? अब सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार

सुप्रीम कोर्ट GST से जुड़े मामले में बने कानून पर विचार करेगा. GST एक्ट में क्या बिना FIR गिरफ्तारी हो सकती है ? या क्या किसी आरोपी को अग्रिम जमानत दी जा सकती है या नहीं? जैसे मुद्दों पर इसमें विचार किया जाएगा.

GST एक्ट में क्या बिना FIR गिरफ्तारी हो सकती है? अब सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट GST से जुड़े मामले में बने कानून पर विचार करेगा
  • सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
  • केंद्र ने गिरफ्तारी के अधिकार पर कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट जीएसटी (GST) से जुड़े मामले में बने कानून पर विचार करेगा. GST एक्ट में क्या बिना FIR गिरफ्तारी हो सकती है ? या क्या किसी आरोपी को अग्रिम जमानत दी जा सकती है या नहीं? जैसे मुद्दों पर इसमें विचार किया जाएगा. केंद्र सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने हाईकोर्ट के याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. केंद्र सरकार ने CGST की धारा 69 के तहत गिरफ्तारी के अधिकार पर कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में क्या GST के तहत टैक्स जमा ना करने वाले को बिना FIR गिरफ्तार किया जा सकता है? इस बडे मुद्दे पर विचार होगा. लेकिन GST टैक्स से फर्जीवाड़ा करने वालों को फिलहाल गिरफ्तार करना वैध है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि एक्ट में अथॉरिटी द्वारा CGST से फर्जीवाड़ा करने वाले को गिरफ्तार करने का प्रावधान है. लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे गैरकानूनी बताते हुए जमानत दी है जबकि तेलंगाना हाई कोर्ट ने इसे सही बताया है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट तय करे कि इस धारा के तहत क्या अधिकार हैं.

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केंद्र ने अपनी याचिका में दलील दी है कि सीजीएसटी के अधिकारी सीजीएसटी एक्ट 2017 के तहत काम कर रहे हैं और उन्हें किसी को गिरफ्तार करने के लिए एफआईआर कराने की जरूरत नहीं है और न ही उन पर इस बात के लिए दबाव बनाया जा सकता है. केंद्र सरकार की दलील है कि सीजीएसटी कानून के तहत आयुक्त को गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है, अगर वह आयुक्त यह समझता है कि किसी व्यक्ति ने जीएसटी कानून का उल्लंघन किया है. केंद्र ने बांबे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि किसी व्यक्ति को जीएसटी कानून के तहत भी गिरफ्तार करने के लिए क्रिमिनल प्रोसेड्यूर कोड की प्रक्रिया को अपनाना होगा एवं एफआईआर भी करवानी पड़ेगी. इस मामले के अभियुक्त की जांच सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) कर रहा था. अभियुक्त ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. 

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