सुशांत सिंह राजपूत केस: बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया, क्यों पटना में दर्ज की गई FIR

सुशांत सिंह राजपूत मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार और रिया चक्रवर्ती की ओर से लिखित दलीलें दाखिल की गई हैं. शीर्ष अदालत की ओर से दोनों पक्षों को गुरुवार तक लिखित दलील दाखिल कराने को कहा था.

सुशांत सिंह राजपूत केस: बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया, क्यों पटना में दर्ज की गई FIR

सुशांत सिंह केस में बिहार सरकार और रिया चक्रवर्ती ने SC में दी लिखित दलील.

नई दिल्ली:

सुशांत सिंह राजपूत मामले (Sushant Singh Rajput Case Death Probe) में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार (Bihar Govt in Supreme Court) और रिया चक्रवर्ती (Riya Chakraborty) की ओर से लिखित दलील दाखिल की गई हैं. शीर्ष अदालत की ओर से दोनों पक्षों को गुरुवार तक लिखित दलीलें दाखिल कराने को कहा था. बिहार सरकार ने अपनी लिखित दलील में कहा है कि मामले में केवल उसी ने FIR दर्ज की है और जांच सीबीआई को सौंप दी गई है, इसलिए रिया की ट्रांसफर याचिका निष्प्रभावी है और इसे खारिज किया जाए. इन दलीलों में बिहार ने कहा है कि मुंबई पुलिस राजनीतिक दबाव में FIR दर्ज नहीं कर रही है और उसने जांच में बिहार पुलिस से सहयोग नहीं किया. बिहार सरकार की ओर से कहा गया है कि बिहार पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर अपने क्षेत्राधिकार में ये FIR दर्ज की है क्योंकि ये शिकायत एक संज्ञेनीय अपराध की थी. 

बिहार सरकार की ओर से क्या कहा गया है?

उनकी दलील में कहा गया है कि 'बिहार पुलिस ने FIR दर्ज कर कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया है, जबकि मुंबई पुलिस ने FIR ना करके कानून के उलट काम किया है. मुंबई पुलिस तो सीआरपीसी की धारा 174 के तहत मौत कैसे हुई ये जांच कर रही थी और 25 जून को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलते ही ये जांच पूरी हो गई.' बिहार सरकार ने कहा है कि अगर मुंबई पुलिस को आगे जांच करनी थी तो उसे FIR दर्ज करनी चाहिए थी.

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वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह की देखरेख में बिहार सरकार के वकील केशव मोहन की ओर से दाखिल दलीलों में कहा गया है कि चूंकि सुशांत का परिवार पटना में रहता है इसलिए FIR दर्ज करने का क्षेत्राधिकार पटना पुलिस का है. सरकार की ओर से आरोप लगाया गया है कि मुंबई पुलिस ने उसकी टीम से जांच में सहयोग नहीं किया. उसके IPS अफसर विनय तिवारी को क्वारंटीन कर दिया गया और अदालत के भी टिप्पणी करने के तीन दिन बाद छोड़ा गया. दलील में कहा गया है कि रिया तो खुद मामले में गृहमंत्री से सीबीआई जांच की मांग कर चुकी हैं ये उन्होंने माना भी है, इसलिए ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. 

रिया चक्रवर्ती की ओर से क्या कहा गया?

रिया चक्रवर्ती ने भी सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया है. उनकी दलील में बिहार पुलिस की ओर से दर्ज FIR को गैरकानूनी बताता गया है. इसमें कहा गया है कि 'बिना अधिकार क्षेत्र के बिहार सरकार ने FIR को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया. इस मामले में उनके खिलाफ कोई भी सबूत नही है.' रिया ने कहा है कि सुशांत सिंह के पिता ने उनपर जो आरोप लगाए हैं, वो बिना किसी आधार के हैं. बिहार पुलिस इस मामले में ज्यादा से ज्यादा ज़ीरो FIR दर्ज कर सकती थी, इसलिए उनकी ट्रांसफर याचिका सुनवाई योग्य है. रिया ने यह भी कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर मामले को सीबीआई को सौंपता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी.

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