सुशील मोदी ने वित्त मंत्री को लिखा, 'केंद्र प्रायोजित 66 योजनाओं का खर्च वहन करे केंद्र सरकार'

सुशील मोदी ने कहा कि वर्ष 2019-20 में केन्द्र प्रायोजित 25,650.43 करोड़ की सभी 66 योजनाओं के लिए केन्द्रांश के तौर पर राज्य को 15,513.03 करोड़ प्राप्त हुआ जबकि राज्य को राज्यांश के तौर पर 10137.40 करोड़ खर्च करना पड़ा. 

पटना:

कोरोनावायरस और लॉकडाउन के बाद वो चाहे राज्य हो या केंद्र सबकी आर्थिक स्थिति खराब हैं. पहले राज्यों को लगा कि केंद्र के पैकज में राज्यों के लिए कुछ अलग से प्रावधान होगा. लेकिन ऐसा नहीं होने पर अब बिहार की एनडीए सरकार ने केंद्र से साफ़ साफ़ कहा हैं कि या तो अगले एक वर्ष के लिए सभी केंद्र प्रायोजित स्कीम में राज्य का अंश वो वहन करे नहीं तो योजनाओं के बंद होने का संकट उत्पन हो सकता हैं.

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिख कर केन्द्र प्रायोजित सभी 66 योजनाओं की केन्द्रांश व राज्यांश सहित पूरी राशि एक साल (2020-21) के लिए केन्द्र द्वारा वहन करने की मांग की है. 

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना संकट व लॉकडाउन के कारण राज्यों की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वह केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में राज्यांश दे सके.

हालांकि उन्होंने केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से के तौर पर 9,263 करोड़, मनरेगा के तहत 1210.28 करोड़, आपदा के लिए 708 करोड़ व शहरी निकायों के लिए 502 करोड़ रु. देने के लिए केन्द्र को धन्यवाद दिया है.

सुशील मोदी ने कहा कि वर्ष 2019-20 में केन्द्र प्रायोजित 25,650.43 करोड़ की सभी 66 योजनाओं के लिए केन्द्रांश के तौर पर राज्य को 15,513.03 करोड़ प्राप्त हुआ जबकि राज्य को राज्यांश के तौर पर 10137.40 करोड़ खर्च करना पड़ा. 

मध्याह्न भोजन योजना के तहत केन्द्रांश 1093.13 करोड़ प्राप्त हुआ जबकि राज्य को 728.75 करोड़ व समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत केन्द्रांश 3,268.93 करोड़ व राज्यांश के तौर पर 2,177.95 करोड़ खर्च करना पड़ा था.

मगर, सुशील मोदी ने अपने इस पत्र में माना कि वर्तमान परिस्थिति में इस साल अधिकांश राज्यों के लिए राज्यांश की इतनी बड़ी राशि देना संभव होगा. अगर केन्द्र पूरी राशि वहन नहीं करेगी तो योजनाओं के बंद होने का संकट उत्पन्न हो सकता है.
 

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