प्रतीकात्मक फोटो.
सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश राजन की अगुवाई में सरकार द्वारा गठित प्रत्यक्ष कर संहिता कार्यबल ने लोगों के लिए नए कर शासन की सिफारिश की है. इसमें 58 साल पुराने आयकर अधिनियम में नाटकीय बदलाव की सिफारिश की गई है. अगर इस उच्चस्तरीय कार्यबल की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया जाता है, तो 5 लाख से 10 लाख रुपये सालाना कमानेवाले को 10 फीसदी आयकर देना होगा. आईएएनएस को पता चला है कि निजी आयकर के स्लैब में आमूलचूल बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं. इनमें 10 लाख से 20 लाख रुपये तक के सालाना निजी आय पर 20 फीसदी कर का प्रस्ताव है.
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वर्तमान में, 2.5 लाख रुपये से पांच लाख रुपये की निजी आय पर पांच फीसदी कर लगाया जाता है, पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये की निजी आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी आयकर लगता है. जिनकी सालाना आय पांच लाख रुपये तक है, उन्हें कर छूट मिलेगी, जैसा कि अंतरिम बजट में अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पांच लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को छूट के साथ शून्य कर चुकाने की घोषणा की थी.
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कार्यबल की सिफारिशों को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को 19 अगस्त को सौंपी गई थी, लेकिन इसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. समिति ने सिफारिश की है कि 20 लाख रुपये से दो करोड़ रुपये तक की आय वालों पर 30 फीसदी दर से कर लगेगा. इसके साथ ही, दो करोड़ रुपये सालाना से अधिक कमाई करने वालों पर 35 फीसदी कर लगाने का प्रस्ताव दिया गया है, जबकि उन पर कोई सरचार्ज नहीं लगेगा.
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