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This Article is From Nov 08, 2019

इस वजह से लोग करते हैं भारत में सुसाइड, NCRB डाटा से हुआ खुलासा

भारतीयों के आत्महत्या करने की सबसे बड़ी वजहों में शादी से इतर पारिवारिक समस्याएं और बीमारी हैं.

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इस वजह से लोग करते हैं भारत में सुसाइड, NCRB डाटा से हुआ खुलासा
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:

भारतीयों के आत्महत्या करने की सबसे बड़ी वजहों में शादी से इतर पारिवारिक समस्याएं और बीमारी हैं. यहां शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह बात सामने आयी है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2015 के मुकाबले 2016 में राष्ट्रीय स्तर पर खुदकुशी की दर में कमी आई है. वर्ष 2015 में प्रति एक लाख आबादी पर आत्महत्या की दर 10.6 थी जो 2016 में घटकर 10.3 प्रति एक लाख आबादी पर आ गई है. हालांकि, राष्ट्रीय दर 10.3 के मुकाबले 2016 में शहरों में खुदकुशी की दर 13.0 दर्ज की गई.

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इस संबंध में एनसीआरबी के आंकड़ों को उद्धृत करते हुए जारी बयान में कहा गया, ‘‘आत्महत्या की सबसे बड़ी वजहों में विवाह से इतर पारिवारिक समस्याएं रहीं जिसकी हिस्सेदारी कुल आत्महत्या में 29.2 फीसदी है. 17.1 प्रतिशत के साथ बीमारी दूसरे स्थान पर और 5.3 फीसदी के साथ विवाह खुदकुशी की तीसरी सबसे बड़ी वजह रही. चार फीसदी लोग मादकपदार्थ सेवन या मद्यपान के कारण आत्महत्या करते हैं.''

‘भारत में हादसे से मौत एवं खुदकुशी' संबंधी वार्षिक रिपोर्ट में 36 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेश और दस लाख से अधिक आबादी वाले 53 महानगरों के राज्य अपराध ब्यूरो एवं अपराध अन्वेषण विभाग की ओर दिए गए आंकड़ों को संकलित किया गया है. एनसीआरबी सभी आंकड़ों को एकत्र कर रिपोर्ट के रूप में संकलित करता है.

बयान में कहा गया, ‘‘एनसीआरबी सूचना के सत्यापन के लिए जिम्मेदार नहीं है और राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों को संकलित भर करता है.'' हादसे में होने वाली मौतों की दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जो 2016 में प्रति एक लाख आबादी पर 32.8 रही. 

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बयान के मुताबिक 2016 में 8,684 लोगों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई. इनमें से भी 38.2 मौतें बिजली गिरने से, 15.4 फीसदी मौते लू लगने से और 8.9 फीसदी मौतें बाढ़ की वजह से हुई. वर्ष 2016 में कुल 4,09,537 लोगों की मौतें अन्य हादसों में हुईं. इनमें भी सबसे अधिक 43.3 प्रतिशत मौतें सड़क हादसों में, 10.2 फीसदी आकस्मिक मौतें, 7.3 फीसदी मौतें डूबने से, 5.9 फीसदी मौतें जहर से, 4.2 फीसदी डूबने से और 4.1 फीसदी मौतें दुर्घटनावश आग लगने से हुई. 

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