टूलकिट मामला : दिल्ली पुलिस ने zoom को लिखा लेटर, किसान नेताओं की भूमिका और फंडिंग की करेगी जांच - सूत्र

टूलकिट मामले (Toolkit Case) में जांच कर रही दिल्ली पुलिस अब वीडियो कॉलिंग एप Zoom के जरिए किसान नेताओं (Farmer Leaders) की भूमिका और फंडिंग की जांच करने की तैयारी में है.

टूलकिट मामला : दिल्ली पुलिस ने zoom को लिखा लेटर, किसान नेताओं की भूमिका और फंडिंग की करेगी जांच - सूत्र

दिल्ली पुलिस ने zoom लेटर लिखा है: सूत्र (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

टूलकिट मामले (Toolkit Case) में जांच कर रही दिल्ली पुलिस अब वीडियो कॉलिंग एप Zoom के जरिए किसान नेताओं (Farmer Leaders) की भूमिका और फंडिंग की जांच करने की तैयारी में है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जूम (Zoom) को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि उस मीटिंग में कौन कौन शामिल था. पुलिस अब इस मामले में किसान नेताओं की भूमिका की जांच करेगी साथ ही इसकी फंडिंग की भी जांच करेगी. हालांकि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को अभी गूगल के जवाब का इंतजार है. गूगल की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है, दिल्ली पुलिस अपनी जांच के आधार पर इस मामले को यहां तक लेकर आई है. दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच में यह भी पाया कि 6 दिसम्बर को जो ग्रुप बनाया गया था उसका नाम इंटरनेशनल फार्मर्स स्ट्राइक (International Farmer Strike) था. 

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इससे पहले दिल्ली पुलिस ने मामले में खुलासा करते हुए बताया कि दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु ने टूलकिट बनाई और दूसरों के साथ शेयर किया. टूलकिट मामले में दिल्‍ली पुलिस साइबर सेल के जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने कहा, 'जैसा कि हम जानते हैं कि 26 जनवरी को बड़े पैमाने हिसा हुई. 27 नवंबर से किसान आंदोलन चल रहा था. 4 फरवरी को हमें टूलकिट के बारे में जानकारी मिली जो कि खलिस्तानी सगठनों की मदद से बनाया था.' पुलिस के अनुसार, दिशा ने यह डॉक्‍यूमेंट क्‍लाइमेट एक्टिविस्‍ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर किए थे. 

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पुलिस के अनुसार 9 फरवरी को निकिता के खिलाफ  सर्च वारंट जारी हुआ जबकि 11 फरवरी को निकिता के यहां सर्च हुआ. इस दौरान हमें काफी सारे संवेदनशील सबूत मिले. निकिता से लिखित में लिया गया कि वो 12 फरवरी को मौजूद रहेगी.11 जनवरी को जो ज़ूम मीटिंग हुई जिसमें खालिस्तानी ग्रुप कनाडियन महिला पुनीत के जरिये दिशा, निकिता, शांतनु और दूसरे लोगों को जोड़ा गया. टूलकिट में जैसा एक्शन प्लान था वैसा ही किया गया. मुंबई पुलिस और बेंगलुरु पुलिस को जानकारी देकर सही तरीके से पूरा प्रोसीजर फॉलो किया गया. एक व्हाट्सएप ग्रुप (इंटरनेशनल फार्मर्स स्ट्राइक) से ये लोग जुड़े थे जो 6 दिसंबर को बनाया गया. दिशा ने टूलकिट ग्रेटा को टेलीग्राम से भेजा था.

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