महाराष्ट्र की सियासत में आया ट्विस्ट, उद्धव ठाकरे ने शरद पवार से की फोन पर बात!

महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच मची खींचतान में शुक्रवार को एक ट्विस्ट आ गया है.

महाराष्ट्र की सियासत में आया ट्विस्ट, उद्धव ठाकरे ने शरद पवार से की फोन पर बात!

उद्धव ठाकरे

खास बातें

  • महाराष्ट्र की सियासत में आया ट्विस्ट
  • उद्धव ठाकरे ने शरद पवार से की फोन पर बात
  • शरद पवार अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली जाएंगे: सूत्र
मुंबई:

महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच मची खींचतान में शुक्रवार को एक ट्विस्ट आ गया है. रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से बात की है. रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे और पवार के बीच फोन पर बात हुई है. सूत्रों के मुताबिक शरद पवार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने अब दिल्ली जाएंगे. इस खबर के बाद महाराष्ट्र की सियासत में गहमागहमी बढ़ गई है और इससे साफ होता दिख रहा है कि शिवसेना अपने गठबंधन की सहयोगी बीजेपी से 50-50 फॉर्मूले के मुद्दे पर खुश नहीं है.    

शिवसेना की कांग्रेस से 'दोस्ती' BJP से भी पुरानी, क्या महाराष्ट्र में खिलने वाला है 'नया गुल'?

यह चर्चाएं तब और भी तेज हो गईं जब आज शिवसेना नेता संजय राउत ने दोपहर बाद शरद पवार से मुलाकात की. राउत ने सुबह मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'अगर शिवसेना फैसला लेती है, तो उसे राज्य में स्थिर सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या मिल जाएगी. महाराष्ट्र के लोगों ने 50-50 फार्मूले के आधार पर सरकार बनाने का जनादेश दिया है. वे शिवसेना से मुख्यमंत्री चाहते हैं.'

राउत ने कहा, "भाजपा के पास कोई अल्टीमेटम नहीं है. वे बड़े लोग हैं." उन्होंने बीजेपी का नाम लिए बिना एक ट्वीट के जरिए एक संदेश दिया, "साहब, अहंकार मत दिखाओ...कई अलेक्जेंडर्स समय के सागर में डूब गए हैं."

साहेब...वक़्त के सागर में कई सिकन्दर डूब गए' शिवसेना नेता संजय राउत ने किस पर कसा तंज

भाजपा ने राज्य की 288 सीटों में से 105 सीटों पर जीत हासिल की और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं. वे आराम से 145 बहुमत के निशान से आगे निकल जाते हैं. शरद पवार की एनसीपी महाराष्ट्र चुनाव में 54 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही वहीं कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

VIDEO: महाराष्ट्र में खींचतान के बीच कैसे बनेगी सरकार?