ट्रंप और बाइडेन में मुकाबला टाई हुआ तो अमेरिकी संसद तय करेगी नया राष्ट्रपति

प्रत्याशियों में बराबर वोट या बहुमत से कम वोट पर अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) में बहुमत से निर्णय होता है कि कौन अगला राष्ट्रपति होगा. उप राष्ट्रपति पद के लिए सीनेट (US Senate ) में वोटिंग होती है. 

ट्रंप और बाइडेन में मुकाबला टाई हुआ तो अमेरिकी संसद तय करेगी नया राष्ट्रपति

US Elections Date 2020: अमेरिकी चुनाव के नतीजे घोषित होने में लग सकते हैं हफ्तों

नई दिल्ली:

US Elections 2020: अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए डेमोक्रेट जो बाइडेन (Joe Biden) या रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)  को जीत के लिए सबसे ज्यादा वोट पाने की दरकार नहीं होती. बल्कि उसे सबसे ज्यादा निर्वाचक वोट हासिल करने होते हैं. देश में कुल 538 निर्वाचक वोट हैं और इसमें से 270 या उससे अधिक पाने वाला ही राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित होता है. ट्रंप और बाइडेन को बराबर वोट मिले तो अमेरिकी संसद (US Congress) में बहुमत से नए राष्ट्रपति का फैसला होगा. उप राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला रिपब्लिकन प्रत्याशी माइक पेंस और डेमोक्रेट प्रत्याशी कमला हैरिस के बीच है. ट्रंप इस साल फरवरी में भारत यात्रा पर आए थे.

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इलेक्टोरल कॉलेज या निर्वाचक वोट अहम 
अमेरिका में जनता सीधे राष्ट्रपति नहीं चुनती, यानी जो पूरे देश में सबसे ज्यादा वोट पाए वह राष्ट्रपति घोषित हो यह जरूरी नहीं है. राष्ट्रपति का फैसला निर्वाचक वोटों से होता है. पूरे देश में 538 इलेक्टोरल कॉलेज (Electoral College) हैं. हर राज्य के अपने इलेक्टोरल कॉलेज तय हैं, जैसे कैलीफोर्निया में 55. कैलीफोर्निया (California) में जिस प्रत्याशी को सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे. उसे ये पूरे 55 निर्वाचक वोट मिल जाएंगे.

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हिलेरी क्लिंटन ज्यादा वोट पाकर भी हार गई थीं
अमेरिका में 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले करीब 28 लाख ज्यादा वोट मिले फिर भी वह चुनाव हार गईं. ऐसा इसलिए हुआ कि ट्रंप ने ज्यादा राज्यों में जीत हासिल कर 304 वोट पाए और हिलेरी 227 पर ठहर गईं. जबकि हिलेरी को 48 और ट्रंप को 46 फीसदी वोट मिले थे.

बहुमत का जादुई आंकड़ा
जैसे भारत (India) में लोकसभा की 543 सीटों में से 272 का बहुमत का आंकड़ा होता है. उसी तरह अमेरिका में बहुमत के लिए किसी भी उम्मीदवार को 269 निर्वाचक वोटों का जादुई आंकड़ा पार करना होता है. उसे कम से कम 270 वोट मिलना जरूरी है.

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फ्लोरिडा जैसे स्विंग स्टेट अहम
अमेरिका में फ्लोरिडा, विस्कोंसिन, मिशिगन, नार्थ कैरोलिना, पेनसिल्वेनिया और ओहायो के नतीजों को निर्णायक माना जा रहा है. इन राज्यों को स्विंग स्टेट माना जा रहा है, जिनका नतीजा किसी भी ओर आ सकता है.फ्लोरिडा जैसे राज्य में 22 दिन पहले ही वोटों की गिनती शुरू हो गई, लेकिन विस्कोंसन में 24 पहले भी ऐसा नहीं हो सकेगा. बुश और अलगोर के चुनाव में फ्लोरिडा निर्णायक साबित हुआ था

मुकाबला बराबरी पर रहा तो
अमेरिका में कुल 538 निर्वाचक वोटों में दोनों प्रत्याशियों को 269-269 के बराबर निर्वाचक वोट भी मिल सकते हैं. ऐसे में मुकाबला बराबरी पर रह सकता है. ऐसा भी हो सकता है कि किसी प्रत्याशी को बहुमत न मिले. मगर इसमें दोबारा चुनाव की नौबत नहीं आएगी.

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हाउस ऑफ रिप्रंजेटेटिव में होगा निर्णय
ऐसी स्थिति में अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) में बहुमत से निर्णय होता है कि कौन अगला राष्ट्रपति होगा. उप राष्ट्रपति पद के लिए सीनेट (US Senate ) में वोटिंग होती है.