वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति पद के एनडीए के उम्मीदवार घोषित किए गए हैं
खास बातें
- पीएम मोदी की अध्यक्षता में बीजेपी की बैठक में लिया गया फैसला
- 18 जुलाई को नामांकन भरेंगे वेंकैया नायडू
- नायडू को 25 साल से ज्यादा संसदीय कार्य का अनुभव है
नई दिल्ली: वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए सत्तारूढ़ एनडीए के उम्मीदवार होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम को हुई बीजेपी की अहम बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई गई. बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि नायडू के नाम पर पूरा एनडीए एकमत है.
अमित शाह ने कहा कि एक किसान परिवार से आने वाले वेंकैया नायडू ने छोटे पदों से आगे बढ़ते हुए देश की सेवा की. उन्होंने कहा कि वेंकैया नायडू आज देश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक है, इसलिए एनडीए ने एक सुर में उनके नाम का स्वागत किया है. उन्होंने बताया कि नायडू मंगलवार सुबह 11 बजे नामांकन दाखिल करेंगे.
वेंकैया नायडू पहले से ही इस पद के लिए प्रत्याशी बनाए जाने की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे थे. यह फैसला प्रधानमंत्री को करना था कि वह अपने मंत्रिमंडल में से एक कैबिनेट सदस्य को कम कर सकते हैं या नहीं. माना जा रहा है कि इसी वजह से राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी किसी कैबिनेट मंत्री को नहीं चुना गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले सप्ताह बैठक कर उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी को लेकर विचार-विमर्श किया था.
यह भी पढ़ें
वेंकैया नायडू को इस वजह से BJP ने बनाया उम्मीदवार
आंकड़ों में कितनी मजबूत है वेंकैया नायडू की दावेदारी
वहीं, एनडीए द्वारा वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने साफ किया है कि वह विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी का ही समर्थन करेगी और मंगलवार को उनके नामांकन दाखिल के दौरान पार्टी नेता शरद यादव, वशिष्ठ नारायण सिंह और केसी त्यागी मौजूद रहेंगे. गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में जेडीयू ने विपक्षी एकता के खिलाफ जाते हुए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दिया है.
राष्ट्रपति पद के लिए सोमवार को मतदान संपन्न हो चुका है, जिसमें बीजेपी, यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद की जीत लगभग तय है.
वीडियो
इसी साल मई में पत्रकारों द्वारा बातचीत के दौरान सवाल किए जाने पर वेंकैया नायडू ने शब्दों से खेलने की अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए खुद को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर बताया था. उन्होंने कहा था, "न मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, न उपराष्ट्रपति बनना चाहता हूं... मैं 'उषापति' बनकर ही खुश हूं..."
पार्टी के भीतरी सूत्रों का कहना है कि वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का दावेदार बनाए जाने से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी की पैठ बढ़ेगी.
गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपनी ओर से प्रत्याशी घोषित किया. गोपालकृष्ण गांधी राज्यपाल भी रह चुके हैं, और उनके नाम पर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में भी चर्चा की गई थी.