भारत के पड़ोसी देशों से नजदीकी क्यों बढ़ा रहा चीन? संसद की समिति ने रिपोर्ट में किया खुलासा

शशि थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत को घेरने की नीति पर काम कर रहा चीन

भारत के पड़ोसी देशों से नजदीकी क्यों बढ़ा रहा चीन? संसद की समिति ने रिपोर्ट में किया खुलासा

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • खुद को भौगोलिक वित्तीय नायक के रूप में स्थापित करने की फिराक में चीन
  • सरकार से भारत-चीन सीमा पर सड़कों की हालत सुधारने की सिफारिश
  • समिति ने चीन के वन बेल्ट, वन रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर चिंता जताई
नई दिल्ली:

शशि थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में भारत के पड़ोसी मुल्कों ( श्रीलंका, मालदीव, नेपाल, आदि) में चीन की बढ़ती पैठ पर चिंता जताई है. समिति ने माना कि इससे भारत के इन देशों में प्रभाव पर प्रतिकूल असर पड़ा है. समिति का मानना है कि यह चीन की भारत को घेरने की नीति है.

समिति ने इन पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में नई ऊर्जा लाने की सलाह दी है. संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में भारत-चीन सीमा पर सड़क की हालत पर चिंता जताई है. समिति ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अभी भी एक लेन वाली सड़कें हैं. यह तनाव बढ़ने के दौरान काफी जोखिम भरा हो सकता है. कई सड़कें मिलिट्री ट्रैफिक का बोझ वहन करने के लायक नहीं बनी हैं. इसी स्थिति का 1962 में चीन फायदा उठा चुका है. समिति का मानना है कि हमें इससे सबक लेना चाहिए.

रक्षा मंत्रालय ने समिति को बताया कि सड़कों के निर्माण में पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति मिलने में देरी एक बड़ी अड़चन है. भारत-चीन की सीमा पर मौजूदा हालात और डोकलाम क्राइसिस को ध्यान में रखते हुए समिति ने सरकार से सड़कों की स्थिति सुधारने की सिफारिश की है. स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में डोकलाम में चीन की घुसपैठ को भारत, भूटान और चीन ट्राई जंक्शन पर मौजूदा हालात को बदलने की साजिश बताया. समिति के मुताबिक यह भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ था. चीन का यह कदम 1988 और 1998 के समझौता के खिलाफ था. डोकलाम भारत के लिए संप्रभुता का नहीं बल्कि देश की सुरक्षा का विषय था.

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समिति ने सुरक्षाबलों द्वारा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पर समय रहते नकेल कसने की सराहना की है. समिति ने मामले को सुलझाने में विदेश मंत्रालय के कूटनीतिक प्रयासों की प्रशंसा की. समिति का मानना है कि बिना किसी खून खराबे के इस मामला को सुलझा लिया गया. समिति ने भारत सरकार की इस मामले में तारीफ करते हुए कहा कि भारत चीन को यह संदेश देने में कामयाब रहा कि भारत सीमा पर चीन की किसी भी नापाक कोशिश को कामयाब नहीं होने देगा.

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संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में चीन द्वारा निर्मित वन बेल्ट, वन रोड कॉरिडोर ( OBOR) प्रोजेक्ट पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को प्रभावित कर रहा है. कमेटी के मुताबिक  वन बेल्ट, वन रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट के जरिए चीन भौगोलिक वित्तीय नायकत्व स्थापित करना चाहता है.  

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चीन ने ओबोर पाकिस्तान को उपहार में दिया है. कमेटी के मुताबिक चीन की इस दोहरी मानसिकता को एक्सपोज़ करना चाहिए.  वन बेल्ट, वन रोड कॉरिडोर को काउंटर करने के लिए भारत को एक्ट ईस्ट पॉलिसी, पड़ोसी नीति, गो वेस्ट रणनीति और स्पाइस रूट से जुड़े कनेक्टिविटी प्रोजेक्टों पर काम करना चाहिए.


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