
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान दिल्ली के एक निजी अस्पताल में पिछले कुछ हफ़्तों से भर्ती हैं. लेकिन उनका हाल चाल लेने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अबतक कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी. गुरुवार शाम पार्टी कार्यालय से निकलते समय पत्रकारों ने इस सम्बंध में जब उनसे पूछा तो नीतीश कुमार का जवाब था कि उन्हें अधिक नहीं मालूम है. इस प्रतिक्रिया से साफ़ है कि लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग़ पासवान के बयानों से सम्बंधों में जो तल्ख़ी आयी हैं उसके बाद नीतीश कुमार दूरी बनाये हुए हैं.
हालांकि ख़ुद चिराग़ पासवान ने भी एक दिन पहले जो ट्वीट किया था उसमें नीतीश कुमार की कोई चर्चा नहीं की थी.
आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी का दिल से धन्यवाद।कल और आज में कई बार प्रधानमंत्री जी ने पापा का हाल जानने के लिए फ़ोन पर बात की।पापा के इलाज में लगे डॉक्टरों से भी माननीय प्रधानमंत्री जी ने बात की।इस घड़ी में माननीय प्रधानमंत्री जी का साथ में खड़े रहने के लिए सहृदय धन्यवाद।
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) September 21, 2020
कोरोना काल में नीतीश कई नेताओं की सुध लेते रहे हैं. फिर चाहे उनकी पार्टी के नेता हों या विपक्ष के नेता, जैसे राष्ट्रीय जनता दल के अब स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह हों या शरद यादव या फिर अब्दुल बारी सिद्दीक़ी. सबके इलाज में वो व्यक्तिगत रूप से जानकारी लेते रहे और ख़ुद शरद यादव की पुत्री ने ये बात गुरुवार को जारी एक बयान में स्वीकार की. रघुवंश प्रसाद सिंह के परिवार के लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार ने उनके इलाज के लिए ना केवल AIIMS के निदेशक से बातचीत की बल्कि हर दिन ख़ुद मॉनिटरिंग करते रहे.
जानकार मानते हैं कि अगर रामविलास पासवान से उन्होंने दूरी बनायी है तो इसका मतलब व्यक्तिगत रूप से वो काफ़ी आहत हैं. साथ साथ राजनीतिक रूप से अब उन्होंने भविष्य में साथ-साथ ना रहने का फ़ैसला भी कर लिया होगा.
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