राहुल गांधी की रैली को लेकर मिलिंद देवड़ा पर संजय निरूपम का वार - निकम्मा क्यों था नदारद...?

कांग्रेस के पूर्व सांसद ने पिछले सप्ताह ही ऐलान किया था कि वह 21 अक्टूबर को होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार नहीं करेंगे, और यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह उनके सुझाए प्रत्याशियों को नहीं चुने जाने से नाराज़ हैं.

राहुल गांधी की रैली को लेकर मिलिंद देवड़ा पर संजय निरूपम का वार - निकम्मा क्यों था नदारद...?

लोकसभा चुनाव से पहले ही मिलिंद देवड़ा को संजय निरूपम के स्थान पर मुंबई कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया था.

मुंबई:

कांग्रेस के नाराज़ चल रहे नेता संजय निरूपम ने एक ट्वीट में सोमवार को 'निकम्मा' शब्द का इस्तेमाल किया, जिसे प्रतिद्वंद्वी नेता मिलिंद देवड़ा पर निशाना माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई में आपसी लड़ाइयां नई ऊंचाइयां छू रही हैं. यह ट्वीट पूर्व सांसद संजय निरूपम ने मुंबई में हुईं राहुल गांधी की रैलियों में गैरहाज़िर रहने को लेकर चल रही अटकलबाज़ियों से निपटने के लिए किया था.

संजय निरूपम ने ट्वीट में किसी का भी नाम लिए बिना लिखा, "RG की मुंबई की रैलियों से मेरी गैरहाज़िरी के बारे में लगाई जा रही अटकलें और ज़ाहिर किए जा रहे संदेह निराधार हैं... एक अहम पारिवारिक समारोह के चलते मैं पूरा दिन, यहां तक कि देर रात तक व्यस्त था... उन्हें मैंने पहले ही इसकी सूचना दे दी थी... वह मेरे नेता हैं, और वह मेरे लिए हमेशा वही रहेंगे... लेकिन निकम्मा क्यों गैरहाज़िर था...?"

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कांग्रेस के पूर्व सांसद ने पिछले सप्ताह ही ऐलान किया था कि वह 21 अक्टूबर को होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार नहीं करेंगे, और यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह उनके सुझाए प्रत्याशियों को नहीं चुने जाने से नाराज़ हैं. उस वक्त भी संजय निरूपम ने ट्वीट में ही किसी का भी नाम लिए बिना कहा था, "ऐसा लगता है, कांग्रेस पार्टी को मेरी सेवाओं की ज़रूरत नहीं रह गई है... मैंने विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में सिर्फ एक नाम की सिफारिश की थी... सुना है, वह भी खारिज कर दिया गया है... जैसा मैंने नेतृत्व को बताया था, ऐसा किए जाने पर मैं चुनाव प्रचार में शिरकत नहीं करूंगा... यह मेरा आखिरी फैसला है..."

लोकसभा चुनाव से पहले ही मिलिंद देवड़ा को संजय निरूपम के स्थान पर मुंबई कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया था. कांग्रेस की करारी हार के बाद मिलिंद देवड़ा ने भी इस्तीफा दे दिया था. पार्टी मुंबई की छह सीटों में से एक पर भी जीत हासिल करने में नाकाम रही थी.

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लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने भी पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, और कई महीने तक राहुल गांधी की इच्छा के अनुरूप गैर-गांधी पार्टी अध्यक्ष की तलाश करने के बाद अंततः पार्टी ने उनकी मां सोनिया गांधी से ही अंतरिम अध्यक्ष बनने का आग्रह किया. सोनिया गांधी ने ही 19 साल तक पार्टी अध्यक्ष पद पर रहने के बाद वर्ष 2017 में राहुल को पार्टी का शीर्ष पद सौंपा था.

राहुल गांधी की रैलियों से महाराष्ट्र कांग्रेस के दोनों ही प्रमुख चेहरों के नदारद रहने से आम चुनाव के कई महीने बाद भी पार्टी में जारी अव्यवस्था एक बार फिर उजागर हो गई है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अन्य नेता प्रचार अभियान में राहुल गांधी के शामिल नहीं होने को लेकर सवाल उठाते रहे हैं, और कहते रहे हैं कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है.

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