बच्चों के सिर में दर्द, थकान, पेट में दर्द और दस्त होना इस बीमारी के हैं लक्षण, डॉक्टर बता रहे हैं इलाज

भीषण गर्मी में बच्चों को स्कूल से लाने या ले जाने के समय तौलिया को पानी मे भीगोकर उससे ढककर ले जाएं, जिससे बच्चे का बदन ठंडा रह सके, छाते का इस्तेमाल भी बेहतर रहेगा. 

बच्चों के सिर में दर्द, थकान, पेट में दर्द और दस्त होना इस बीमारी के हैं लक्षण, डॉक्टर बता रहे हैं इलाज

जानलेवा साबित हो सकता है हीट स्ट्रोक

नई दिल्ली:

दिनों-दिन बढ़ती गर्मी कई बीमारियों की वजह बन रही है. इनमें से एक खतरनाक बीमारी है हीट स्ट्रोक, जिसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे आ रहे हैं. इस स्ट्रोक में सिर में दर्द, थकान, सुस्ती, भूख का कम होना, बदन में ऐंठन, उल्टी होना, पेट में दर्द, जलन, दस्त होना, चक्कर आना और साथ ही मानसिक संतुलन बिगड़ने जैसे हालात भी पैदा हो जाते हैं. इस स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण है शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन होना. क्योंकि गर्मी में ज्यादा देर धूप में रहने से शरीर से अधिक मात्रा में पसीना निकलने के कारण पानी की कमी हो जाती है. 

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इस हीट स्ट्रोक को ठीक करने कुछ टिप्स दे रहे हैं मुरादाबाद के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. एम. इरशाद. उनका कहना है कि इंसान का शरीर 37 डिग्री तक तापमान सहन करने में सक्षम होता है. तापमान इससे ऊपर जाने पर शरीर में कई प्रकार की दिक्कत महसूस होने लगती है, शरीर से पानी खत्म होने लगता है खून गाढ़ा हो जाता है.

डॉ.इरशाद ने कहा कि सावधानी न बरतने पर बच्चे बहुत जल्दी इन बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं. बच्चे बहुत नाजुक होते हैं, उन्हें गर्मी और धूप से होने वाली बीमारी से बचाने के लिए बहुत एहतियात बरतने की जरुरत होती है. इस गर्मी में जितना हो सके बच्चों को कोल्ड ड्रिंक से दूर रखें, शिकंजी का इस्तेमाल करें साथ ही गुड़ को दही में मिलाकर खिलाएं. 

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उन्होंने कहा कि गर्मी में फूड पॉइजनिंग होने की आशंका भी बढ़ जाती है. इसलिए कटा हुआ फल न खरीदें और न ही देर से रखा हुआ खाना खाएं, बाहर खुले में बिकने वाले तले हुए खाद्य पदार्थ का सेवन न करें. कोशिश करें कि गर्मी में तरल पदार्थ का सेवन अधिक करें. बाजार में खुले रूप से बिकने वाले जूस का सेवन भी घातक हो सकता है, उससे बचें. जरुरत पड़ने पर चिकित्सक से सलाह लें.

मुरादाबाद के ही चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. तारिक अली ने कहा कि घर से बाहर निकलते समय ढीले कपड़े पहनें, चुस्त कपड़े पहनने से परहेज करें, ताकि शरीर में बाहर की हवा लगती रहे. सूती कपड़े पहनना ज्यादा बेहतर होगा, जबकि सिंथेटिक, पोलिस्टर कपड़े पहनने से बचें. 

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उन्होंने कहा कि घर से बाहर निकलते समय खाली पेट न जाएं, अधिक देर भूखे रहने से बचें. घर से बाहर निकलते समय शिकंजी, ठंडा शर्बत या पानी पी कर निकलें साथ ही पानी की बोतल लेकर चलें. बहुत अधिक पसीना आने पर तुरंत ठंडा पानी न पिएं, जबकि सादा पानी धीरे-धीरे कर के पीना शुरू करें, लस्सी का सेवन अधिक करें.

डॉ. अली ने कहा कि इस भीषण गर्मी में बच्चों को स्कूल से लाने या ले जाने के समय तौलिया को पानी मे भीगोकर उससे ढककर ले जाएं, जिससे बच्चे का बदन ठंडा रह सके, छाते का इस्तेमाल भी बेहतर रहेगा. 

उन्होंने सलाह दी कि बच्चे को ऐसा कपड़ा पहनाएं, जिससे उसका शरीर पूरी तरह से ढका हुआ हो. गहरे रंग के कपड़े बच्चों को न पहनाएं. हो सके तो हल्के रंग या सफेद कपड़े ही पहनाएं. बच्चों के पेशाब का रंग चेक करते रहें, पेशाब पीला होने की दशा में ये सुनिश्चित कर लें कि बच्चे को पानी की कमी हो रही है. उसे भरपूर पानी पिलाएं और जरूरी होने पर चिकित्सक से सलाह लें. (इनपुट - आईएएनएस)

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