आठ घंटे से कम सोने से अवसाद का खतरा
खास बातें
- कम नींद शरीर को करती है मोटा
- कम नींद से आते हैं नकारात्मक विचार
- बढ़ती है डिप्रेशन और एंग्जाइटी भी
नई दिल्ली: आजकल की बिज़ी लाइफ में भरपूर नींद हर किसी को नसीब नहीं होती, जिन्हें पूरी नींद लेने का मौका मिलता है वो भी इस वक्त में अपने बाकि काम निपटाने लगते हैं. ऐसे में लोग खुद ही अपनी नींद को पूरा नहीं करते, लेकिन आपको बता दें पूरी नींद ना लेने से आप अपने काम तो कम कर लेगें, लेकिन डिप्रेशन से खुद को बचा नहीं पाएंगे.
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जी हां, अगर आप आठ घंटे से कम नींद ले रहे हैं तो सावधान हो जाइए. एक शोध के मुताबिक, आठ घंटे से कम सोने से अवसाद का खतरा बढ़ सकता है. नियमित तौर पर नींद में बाधा पड़ने से नकारात्मक विचारों से ध्यान हटाने में मुश्किल हो सकती है.
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शोधकर्ताओं ने कहा कि अपर्याप्त नींद लेने से व्यक्ति के आसपास के नकारात्मक विचार उसके जीवन में दखल देते रहते हैं.
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बिंघाम्टन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मेरेडिथ कोल्स ने कहा, "हमने पाया है कि लोगों के दिमाग में कुछ विचार अटक जाते हैं और उनके बढ़े हुए नकारात्मक विचार उनके लिए नकारात्मक उत्प्रेरकों से अलग होने को मुश्किल बना देते हैं."
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कोल्स ने कहा, "ऐसा माना जाता है ये नकारात्मक विचार लोगों में कई तरह के मनोवैज्ञानिक विकार, जैसे अवसाद व व्यग्रता (डिप्रेशन एवं एंग्जाइटी) पैदा करते हैं."
इस शोध का प्रकाशन जर्नल साइंसडायरेक्ट में किया गया है. इसमें लोगों की नींद लेने की अवधि के साथ नकारात्मक विचारों का मूल्यांकन किया गया.
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