शादी से पहले होने वाले पति या पत्‍नी का ब्‍लड टाइप जानना क्‍यों है जरूरी?

शादी से पहले पार्टनर का ब्‍लड टाइप जानना बेहद जरूरी हैक्‍योंकि इसका सीधा संबंध आपके हाने वाले बच्‍चे से है.

शादी से पहले होने वाले पति या पत्‍नी का ब्‍लड टाइप जानना क्‍यों है जरूरी?

Rh एक ऐसा कम्‍पाउंड है जो आपके रेड ब्‍लड सेल में मौजूद हो भी सकता है और नहीं भी

खास बातें

  • शादी या बच्‍चा प्‍लान करने से पहले जरूर जान लें साथी का ब्‍लड टाइप
  • ब्‍लड टाइप का सीधा संबंध होने वाले बच्‍चे की सेहत से है
  • ब्‍लड ग्रुप की जांच भी जरूर की जानी चाहिए
नई द‍िल्‍ली :

शादी से पहले हम कई तरह की प्‍लानिंग और एडजेस्‍टमेंट करते हैं. हम कुंडल‍ियां म‍िलाते हैं और ये जानने की कोश‍िश करते हैं कि लड़का-लड़की के गुण मिल रहे हैं या नहीं. लेकिन हम उन मेडिकल चीजों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देते हैं जो हमारे और होने वाले पार्टनर के भव‍िष्‍य के लिए बेहद जरूरी हैं. इन्‍हीं में से एक चीज है अपने पार्टनर का ब्‍लड टाइप जानना क्‍योंकि इसका सीधा संबंध आपके हाने वाले बच्‍चे से है. आपको अपने पार्टनर के ABO और Rh ब्‍लड टाइप के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. जहां ABO का मतलब अलग-अलग ब्‍लड ग्रुप यानी कि A,B,O और AB से है वहीं Rh एक ऐसा कम्‍पाउंड है जो आपके रेड ब्‍लड सेल में मौजूद हो भी सकता है और नहीं भी. जिन लोगों में Rh कम्‍पाउंड होता है उन्‍हें Rh पॉजिटिव कहते हैं, जबकि जिनमें नहीं होता है उन्‍हें Rh नेगेटिव कहा जाता है. 

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क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ?
डॉक्‍टर गीता प्रकाश के मुताबिक शादी या बच्‍चा प्‍लान करने से पहले लड़का-लड़की को चाहिए कि वे अपना Rh चेक करवा लें क्‍योंकि इससे होने वाले बच्‍चे में कॉम्पिल‍िकेशन आ सकते हैं. 

डॉक्‍टर गीता कहती हैं, 'समस्‍या खासकर तब बढ़ जाती है जब मां Rh नेगेटिव हो और पिता Rh पॉजिटव. अगर इस तरह का मामला है तो बच्‍चा Rh पॉजिट‍िव होगा और इससे ज्‍यादा ब्‍लीडिंग और दूसरे तरह की दिक्‍कतों का अंदेशा रहता है. अगर माता-पिता दोनों नेगेटिव या पॉजिटिव हैं तो कोई परेशानी नहीं आती है. लेकिन अगर मां नेगेटिव है और पिता नहीं है तो ये गंभीर समस्‍या हो सकती है.' 

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अगर बच्‍चा Rh पॉजिटिव पैदा होता है Isoimmunisation का खतरा रहता है. इसके तहत कोख में रहते हुए बच्‍चे का खून मां के शरीर में पहुंच सकता है. डॉक्‍टर गीता के मुताबिक, 'अगर मां का गर्भपात हो जाए तो भी Rh पॉज‍िट‍िव खून के संपर्क में आने से प्रेग्‍नेंसी के बाद भी मां को कई तरह के कॉम्‍पिलिकेशन का सामना करना पड़ सकता है.' 

यह पूछे जाने पर कि  Rh नेगेटिव मां और Rh पॉजिटिव पिता के लिए क्‍या ट्रीटमेंट हो सकता है, डॉक्‍टर गीता ने कहा, 'इस केस में एंटी-डी इंजेक्‍शन दिया जाता है. इस इंजेक्‍शन की मदद से मां के खून में एंटीबॉडीज बनने पर रोक लगा दी जाती है. इस इंजेक्‍शन के बाद कपल आराम से फैमिली प्‍लानिंग कर सकते हैं.' अगर इसके बावजूद एंटीबॉडीज़ बनती हैं तो होने वाले बच्‍चे को पीलिया और अनीमिया की श‍िकायत रहती है.

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हालांकि डॉक्‍टर गीता ये भी कहत हैं कि सभी डॉक्‍टर हमेशा यही सलाह देते हैं कि जो कपल माता-पिता बनना चाहते हैं उन्‍हें एक दूसरे के ब्‍लड टाइप के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. 

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HIV/AIDS की जांच 
शादी और बच्‍चे की प्‍लानिंग से पहले ब्‍लड टेस्‍ट कराना इसलिए भी जरूरी है ताकि यह पता लगाया जा स‍के कि आपका पार्टनर कहीं HIV पॉजिट‍िव या अन्‍य यौन रोगों से संक्रमित तो नहीं है. अगर पहले से इस बात की जानकारी होगी तो आप इन गंभीर बीमारियों के संपर्क में आने से बच जाएंगे.

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