नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने सोमवार को कहा उनकी पार्टी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ 4-3 फार्मूले के तालमेल वाले अपने रुख पर कायम है और अब फैसला आम आदमी पार्टी को करना है. पटेल ने ट्वीट कर कहा, 'हम स्पष्ट तौर पर कहना चाहते हैं. हमारी दिल्ली इकाई के विरोध के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष ने दिल्ली में आप के साथ तालमेल का फार्मूला निकालने के लिए स्थानीय नेताओं को मनाया. परंतु आप ने हरियाणा में भी सीटों की मांग पर जोर दिया. हमारा रुख स्पष्ट है. अब गेंद उनके पाले में है.' बता दें, इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने को तैयार है, लेकिन अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) फिर से यूटर्न ले रहे हैं.
बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में गठबंधन को लेकर आप और कांग्रेस के बीच औपचारिक बातचीत आगामी बुधवार को फिर से शुरु होगी. गठबंधन के फार्मूले को लेकर हालांकि दोनों दलों में अभी भी मतभेद कायम है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेता अहमद पटेल और आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की अगुवाई में दोनों दलों के नेताओं की बैठक तय की गयी है. प्रस्तावित बैठक में राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार भी मौजूद रहेंगे. गठबंधन के मुद्दे पर पवार की मध्यस्थता में कांग्रेस और आप नेताओं की यह दूसरी औपचारिक बैठक है. हाल ही में पवार की मौजूदगी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी और तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की बैठक हुई थी.
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आप के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बुधवार को होने वाली बैठक में पार्टी की ओर से हरियाणा और दिल्ली की सीटों पर गठबंधन की संभावनाओं पर विचार किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस फार्मूले के तहत कांग्रेस द्वारा हरियाणा की तीन सीटें आप और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के लिये छोड़ने के लिये तैयार होने पर दिल्ली में कांग्रेस को तीन सीटें देने पर बात की जायेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा के लिये कांग्रेस के तैयार नहीं होने पर आप दिल्ली की सात में से दो सीट कांग्रेस के लिये छोडने पर बात करेगी. इधर कांग्रेस आप के साथ सिर्फ दिल्ली में ही गठबंधन करने के रुख पर कायम है.
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कांग्रेस के दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि आप के साथ गठबंधन को लेकर अगर बातचीत होती है इसके दायरे में सिर्फ दिल्ली की सात सीटें होंगी. केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि भाजपा की सत्ता में वापसी, देश के लिये बहुत बड़ा खतरा साबित होगी इसलिये देशहित में उनकी पार्टी कुछ भी करने को तैयार है. दिल्ली की सात सीटों पर 12 मई को मतदान होगा.
(इनपुट- भाषा)
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