बेगूसराय में कन्हैया कुमार के लिए जावेद अख्तर ने चुनाव प्रचार किया 

जावेद अख्तर ने कहा कि हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि जहां भी धर्म का राजनीति से मिश्रण किया जाता है, वहां मानवाधिकार और नागरिक स्वतंत्रता पहले शिकार बन जाती है.

बेगूसराय में कन्हैया कुमार के लिए जावेद अख्तर ने चुनाव प्रचार किया 

जावेद अख्तर ने कन्हैया कुमार के लिए मांगा वोट

पटना:

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा मुसलमानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व वाली भाजपा के खिलाफ "एकजुट होने और वोट देने" की अपील को नकारते हुए मशहूर गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने मंगलवार को कहा कि किसी की धार्मिक पहचान से भरा दिमाग राजनीतिक विकल्प नहीं बन सकता है.भाकपा उम्मीदवार और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे जावेद ने सिद्धू की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैं उनसे (भाजपा से) बहुत उम्मीद नहीं करता हूं जो राजनीति का मिश्रण धर्म के साथ करने में विश्वास रखते हैं, लेकिन जब आप धर्मनिरपेक्षता की कसम खा रहे हों तो आप इस तरह की भाषा नहीं बोल सकते.

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इस महीने की शुरुआत में कटिहार में एक रैली में उक्त टिप्पणी करने वाले सिद्धू को चुनाव आयोग ने 72 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया है. जावेद अख्तर ने कहा कि हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि जहां भी धर्म का राजनीति से मिश्रण किया जाता है, वहां मानवाधिकार और नागरिक स्वतंत्रता पहले शिकार बन जाती है. दुनिया के किसी भी हिस्से को देखें - मध्य पूर्व, यूरोप या लैटिन अमेरिका में, आपको एक समान प्रवृत्ति मिलेगी. भाजपा पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि आप हिंदुओं के हित के लिए चैंपियन बनना चाहते हैं. क्या आपको इस बात का एहसास नहीं है कि देश के बेघर, बेरोजगार और गरीब हिंदूओं की संख्या अन्य समुदायों से अधिक हो गयी और आपको कहीं मंदिर बनाने के वादे के अलावा उन्हें क्या पेशकश करनी चाहिए.

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उन्होंने भाजपा को एक विचित्र संगठन बताते हुए कहा कि यह दल उस आरएसएस का एक विंग है जो मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग के साथ उस वक्त अंग्रेजों के सबसे बड़े सहयोगी थे जब स्वतंत्रता के लिए संघर्ष चल रहा था. हमें नेहरू के प्रति उनकी नापसंदगी को समझना होगा. बेगूसराय से भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि यह सज्जन उन सभी को जो मोदी का विरोध करते हैं, उन्हें पाकिस्तान जाने की सलाह देते हैं.

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2014 में, जब मोदी की लोकप्रियता अपने चरम पर थी तब 31 प्रतिशत लोगों ने उन्हें वोट दिया था यानी तब भी 69 प्रतिशत भारतीय उनके खिलाफ थे. अगर गिरिराज सिंह की सलाह को ऐसे भारतीयों ने गंभीरता से लिया तो पाकिस्तान की आबादी कई गुना बढ़ जाएगी और लोगों को खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि यदि आप तनवीर को वोट देते हैं, तो गिरीराज किसी भी तरह से जीत जाएंगे.(इनपुट भाषा से)