कन्हैया कुमार लेफ्ट उम्मीदवार के तौर पर बेगूसराय से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, महागठबंधन ने नहीं दिया था टिकट

कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) बेगुसराय सीट से ही CPI की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. इसकी घोषणा CPI की बिहार इकाई के सचिव सत्यनारायण सिंह ने पटना में की है.

खास बातें

  • बेगूसराय से ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे कन्हैया कुमार.
  • लेफ्ट उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे कन्हैया.
  • महागठबंधन ने कन्हैया को नहीं दिया टिकट.
पटना:

लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर बीते कुछ दिनों से बिहार की सियासत सुर्खियों में हैं. महागठबंधन की ओर से टिकट नहीं मिलने के बाद अब छात्र नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) बेगूसराय सीट से ही CPI की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. इसकी घोषणा CPI की बिहार इकाई के सचिव सत्यनारायण सिंह ने पटना में की है. कन्हैया कुमार की दावेदारी के बाद अब बेगूसराय लोकसभा सीट का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि यहां अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. एक ओर जहां बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह होंंगे, तो दूसरी ओर मोदी लहर में भी अपनी छाप छोड़ने वाले राजद के तनवीर हसन और इधर युवाओं के बीच अपनी पहचान बनाने वाले जेएनयू के छात्र नेता रह चुके कन्हैया कुमार.

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माना जा रहा है कि कन्हैया (Kanhaiya Kumar) की उम्मीदवारी को अन्य वामपंथी दल भी अपना समर्थन देंगे और वह संयुक्त लेफ्ट दलों के साझा उम्मीदवार होंगे. इससे पूर्व CPI के केंद्रीय नेताओं से लेकर के राज्य नेतृत्व यह उम्मीद लगाए बैठी थी कि राजद कन्हैया कुमार को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राजद के इसी स्टैंड को देखते हुए सीपीआई ने फ़ैसला किया कि वह इस सीट पर चुनाव लड़ेगी और कन्हैया कुमार ही उनके उम्मीदवार होंगे.

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दरअसल, बिहार के बेगूसराय को एक ज़माने में लेफ्ट ख़ासकर CPI का गढ़ माना जाता था और इस संसदीय सीट पर कई बार पार्टी के उम्मीदवारों ने ही जीत का परचम लहराया. मगर 90 के दशक के बाद सीपीआई कमजोर होने लगी. लेफ्ट की जीत अब राजद के समर्थन पर निर्भर होने लगी. राजद के समर्थन से ही वाम दलों की जीत ही संभव होती थी. हालांकि पिछले कई महीनों से यह अटकलें लगायी जा रही थी की कन्हैया महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे लेकिन राजद नेतृत्व ने कन्हैया को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया. 

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विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को लगता है कि उनके उम्मीदवार तनवीर हसन जो पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद पिछले करीब 60 हजार वोटों के अंतर से हार गए थे, अगर इस बार उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया गया तो तनवीर हसन राजद को यह सीट जीता सकते हैं. इस बार NDA से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह उम्मीदवार होंगे वहीं राजद की ओर से तनवीर हसन.

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