2019 से पहले फिर 'महागठबंधन' की कवायद, क्या एनडीए के पूर्व सहयोगी चन्द्रबाबू नायडू होंगे कामयाब

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर विपक्षी दलों के 'महागठबंधन' की सुगबुगाहट तेज हो गई है.

2019 से पहले फिर 'महागठबंधन' की कवायद, क्या एनडीए के पूर्व सहयोगी चन्द्रबाबू नायडू होंगे कामयाब

चन्द्रबाबू नायडू ने अरविंद केजरीवाल और मायावती से मुलाकात की.

खास बातें

  • 2019 से पहले महागठबंधन की सुगबुगाहट तेज
  • इस बार चन्द्रबाबू नायडू ने शुरू की कवायद
  • केजरीवाल और मायावती से की मुलाकात
नई दिल्ली :

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर विपक्षी दलों के 'महागठबंधन' की सुगबुगाहट तेज हो गई है. इस बार एनडीए के पूर्व सहयोगी और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू ने महागठबंधन की कवायद शुरू की है. तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चन्द्रबाबू नायडू ने विश्वास जताया है कि ‘‘राजनीतिक मजबूरी'' 2019 के चुनाव में एनडीए के खिलाफ लड़ने के लिए सभी गैर-भाजपा दलों को साथ ले आएगी. दिल्ली में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात के बाद नायडू ने कहा कि भरोसेमंद विकल्प मुहैया बनाने में वह सहायक की भूमिका निभा सकते हैं. कहा, ‘‘सिर्फ राजनीतिक मजबूरी और देश के हित में सभी पार्टियां साथ आएंगी. कुछ शायद चुनाव के पहले साथ ना आएं, कुछ शायद चुनाव के बाद शामिल होंगे''. 

Ahead Of 2019 Polls, Arvind Kejriwal Meets Chandrababu Naidu In Delhi
चन्द्रबाबू नायडू ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की.
 

चन्द्रबाबू नायडू ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल अभी भाजपा के दबाव के कारण शामिल होने से डर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘‘लोकतांत्रिक मजबूरियों'' के कारण उन्हें कुछ नेताओं से भी मिलना होगा. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वैकल्पिक मोर्चा के गठन के लिए किसी को उपत्प्रेरक बनना होगा. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल पहले से ही इस दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि तेदेपा ऐसे राज्य की क्षेत्रीय पार्टी है जहां 25 लोकसभा सीटें हैं और उनकी भूमिका सीमित है. आपको बता दें कि  एन. चन्द्रबाबू नायडू ने कल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और बसपा सुप्रिमो मायावती से मुलाकात की थी. इसके बाद महागठबंधन को लेकर सियासी माहौल गर्मा गया है. 

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आपको बता दें कि तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चन्द्रबाबू नायडू लंबे समय से आंध्रप्रदेश के विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे. केंद्र सरकार से संतोषजनक जवाब न मिलने पर वे एनडीए से अलग हो गए. उन्होंने राज्य के बंटवारे के लिए भी केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. एनडीए से अलग होने के बाद लगातार भाजपा पर हमलावर हैं. इसी कड़ी में विपक्षी दलों को साथ लाने की कवायद शुरू की है. गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब 2019 में भाजपा से मुकाबले के लिए महागठबंधन की चर्चा चली हो. इससे पहले भी तमाम नेताओं ने महागठबंधन बनाने की बात की थी, हालांकि इस महागठबंधन का चेहरा कौन होगा, इस पर कोई एक राय नहीं दिखी है.

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