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This Article is From Mar 26, 2019

राहुल गांधी के 'न्यूनतम आय गारंटी' वादे की नीति आयोग ने की आलोचना, बोला- यह कभी लागू नहीं होगा

लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले राहुल गांधी ने न्यूनतम आय गारंटी योजना का बड़ा वादा किया. इस वादे के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने राहुल गांधी पर हमला बोला.

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राहुल गांधी के 'न्यूनतम आय गारंटी' वादे की नीति आयोग ने की आलोचना, बोला- यह कभी लागू नहीं होगा
NITI Aayog chairman Rajeev Kumar ने राहुल गांधी की योजना की आलोचना की.
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले राहुल गांधी ने न्यूनतम आय गारंटी योजना का बड़ा वादा किया. इस वादे के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने राहुल गांधी पर हमला बोला. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी की पांच करोड़ गरीब परिवारों को न्यूनतम आय गारंटी के तहत सालाना 72,000 रुपये देने के वादे से राजकोषीय अनुशासन धराशायी हो जायेगा और इस योजना से एक तरह से काम नहीं करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा. 

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राहुल गांधी ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आयी तो देश के सर्वाधिक गरीब 20 प्रतिशत परिवारों को 72,000-72,000 रुपये सालाना बतौर न्यूनतम आय उपलब्ध कराई जायेगी. इस पर राजीव कुमार ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस के पुराने रिकार्ड को देखा जाए तो वह चुनाव जतीने के लिये चांद लाने जैसे वादें करती रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ने जिस योजना की घोषणा की है उससे राजकोषीय अनुशासन खत्म होगा, काम नहीं करने को लेकर एक प्रोत्साहन बनेगा और यह कभी क्रियान्वित नहीं होगा.'

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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि न्यूनतम आय गारंटी योजना की लागत सकल घरेलू उत्पाद का 2 प्रतिशत तथा बजट का 13 प्रतिशत बैठेगा. इससे लोगों की वास्तविक जरूरतें पूरी नहीं हो पायेंगी.'कुमार ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीतने के लिये 1971 में गरीबी हटाओ का नारा दिया, 2008 में वन रैंक, वन पेंशन का वादा किया, 2013 में खाद्य सुरक्षा की बात कही लेकिन इसमें से कुछ भी पूरा नहीं कर सकी.

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इस बीच, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने भी ट्विटर पर गांधी की चुनाव पूर्व घोषणा की आलोचना की है. लेकिन बाद में एक ट्विटर उपयोगकर्ता के यह कहने पर कि वह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है, ट्वीट को हटा दिया गया. पीएमईएसी ने ट्विटर पर लिखा था कि आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति तथा राजकोषीय अनुशासन में सही संतुलन स्थापित करने को लेकर पिछले पांच साल में काफी कार्य किये गये हैं. 

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परिषद ने कहा, ‘कांग्रेस की आय गारंटी योजना इस संतुलन को बिगाड़ देगी या सरकार के महत्वपूर्ण खर्चों में कमी आएगी। दोनों विकल्प खतरनाक हैं. ट्विटर उपयोग करने वाले @सुमेधभागवत ने जब पीएमईएसी सदस्यों से कहा कि उनके ट्वीट चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है, परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने ट्विटर से संदेश को हटा दिया. देबरॉय ने ट्वीट किया, ‘‘ट्वीट को हटा दिया गया है. बताने के लिये धन्यवाद.' अगले महीने से शुरू होने वाले आम चुनाव के लिये पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा. सात चरणों में होने वाले चुनाव में करीब 90 करोड़ लोग वोट देने के पात्र हैं. (इनपुट एजेंसी)

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