पीएम के रोड शो के लिए जिन रास्तों को चुना गया है, वे बताते हैं बनारस का मिज़ाज

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो है तो तकरीबन 5 किलोमीटर का, लेकिन इस 5 किलोमीटर के रोड शो में वह बनारस के पूरे मिजाज को छू लेंगे.

पीएम के रोड शो के लिए जिन रास्तों को चुना गया है, वे बताते हैं बनारस का मिज़ाज

पीएम मोदी वाराणसी में रोड शो करेंगे.

नई दिल्ली :

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो है तो तकरीबन 5 किलोमीटर का, लेकिन इस 5 किलोमीटर के रोड शो में वह बनारस के पूरे मिजाज को छू लेंगे. उनका रोड शो बीएचयू गेट के पास लंका इलाके में महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा से शुरू होगा बीएचयू की वजह से ही बनारस को सर्व विद्या की राजधानी भी कही जाती है. साफ है कि यहां से वे प्रोफेसर  छात्रों कोई बड़ा संदेश देते हुए निकलेंगे. उसके बाद रास्ते में मुमुक्षु भवन पड़ेगा यहां पर सदियों से लोग काशी में मुक्त की कामना लेकर यहां रहते हैं. इसके बाद उनका काफिला अस्सी घाट पहुंचेगा, जिसे बनारस की अड़ी यानी बैठक बाजी के लिए जाना जाता है, वहां लोग बड़ी संख्या में उनका स्वागत करेंगे. उसके बाद जब वह थोड़ा सा और आगे बढ़ेंगे तो वह सोनारपुरा के उस इलाके में पहुंचेंगे जहां एक तरफ बंगाली समुदाय के लोग बहुत ज्यादा रहते हैं.

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तो वहीं दूसरी तरफ इसी मोहल्ले में हरिश्चंद्र घाट भी है जहां कभी राजा हरिश्चंद्र की सत्यवादी होने की परीक्षा ली गई थी आज राजनीति में सत्य और असत्य की कसौटी पर कैसे जाने के लिए भी यह चुनाव हो रहा है. इसके बाद उनका काफिला मुस्लिम बाहुल्य मदनपुरा के इलाके में पहुंचेगा, जो पूरी तरीके से बुनकर समाज के लोग हैं. बुनकर समाज के इस इलाके में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत की व्यापक तैयारी की गई है. मदनपुरा से जब आगे चले तो गोदौलिया का चौराहा आया वह गोदौलिया जो बनारस का प्राण कहा जाता है. पुराने मोहल्ले का पक्का महाल का इलाका है और वहां के बाद उनका काफिला दशाश्वमेध घाट की ओर बढ़ता है जहां कभी ब्रह्मा ने अश्वमेध यज्ञ किया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीति के इस महायज्ञ में वह यहां की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल होंगे.

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यहां पीएम एक बड़ा संदेश देंगे क्योंकि बनारस धर्म की नगरी भी कही जाती है और उसका अस्तित्व ही गंगा और शिव के मिलन का है. साफ है कि उनका यह जुलूस भले ही बहुत बड़े इलाके से न गुजर रहा बनारस के लेकिन बनारस के उन इलाकों से जरूर गुजर रहा है जहां से वह पूरे बनारस के मिजाज को नसीर टटोल लेंगे बल्कि उसे एक नई धारा देने की कोशिश भी करेंगे.  

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