विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Mar 22, 2019

लोकसभा चुनाव के दौरान मामूली 'बदलाव' भी पूरे UP में बदल डालेगा नतीजों की सूरत : डॉ प्रणय रॉय का विश्लेषण

अगर मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) ने वर्ष 2014 में गठबंधन कर लिया होता, तो वे उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 41 जीत सकते थे.

Read Time: 4 mins
लोकसभा चुनाव के दौरान मामूली 'बदलाव' भी पूरे UP में बदल डालेगा नतीजों की सूरत : डॉ प्रणय रॉय का विश्लेषण
अगर विपक्ष एकजुट हो जाता है, और झुकाव उसके बाद BJP के पक्ष में जाता है, तो BJP को 46 सीटें हासिल हो सकती हैं, और गठबंधन को 34 सीटें मिल पाएंगी.
नई दिल्ली:

आंकड़ों से ज़ाहिर हो रहा है कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष का एकजुट हो जाना लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election) के परिणामों पर खासा असर डाल सकता है. वर्ष 2014 के आम चुनाव के आंकड़ों पर आधारित विश्लेषण से संकेत मिल रहे हैं कि वोटरों के दिलों में किसी खास पार्टी के लिए झुकाव में मामूली फेरबदल भी नतीजों में अच्छा-खासा अंतर पैदा कर देगा.

अगर मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) ने वर्ष 2014 में गठबंधन कर लिया होता, तो वे उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 41 जीत सकते थे, और अब अप्रैल-मई में होने जा रहे चुनाव में वे 54 सीटों तक का आंकड़ा छू सकते हैं. दूसरी ओर, पिछले चुनाव ने 71 सीटें (सहयोगी 'अपना दल' सहित 73) जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) 23 सीटों तक सिमटकर रह सकती है.

अब अगर BJP के प्रति झुकाव सिर्फ पांच फीसदी भी बढ़ा, तो उनका आंकड़ा 23 से 60 तक पहुंच सकता है, और SP-BSP गठबंधन सिर्फ 18 सीटों पर सिमटकर रह जाएगा.

636888025250429774.

विपक्षी पार्टियों की जीत के लिए यूपी में 'एक्स फैक्टर' साबित होंगे मुस्लिम वोटर, पढ़ें डॉ. प्रणय रॉय का विश्लेषण

और दूसरी तरफ, अगर कांग्रेस को SP-BSP गठबंधन का हिस्सा बना लिया जाता है, तो अंतर ज़्यादा हो जाएगा. ऐसे हालात में अगर झुकाव BJP से विपरीत दिशा में सिर्फ पांच फीसदी बदलता है, तो वे सिर्फ आठ सीटों तक सिमट सकते हैं, और SP-BSP-कांग्रेस गठबंधन 72 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं.

अगर विपक्ष एकजुट हो जाता है, और झुकाव उसके बाद BJP के पक्ष में जाता है, तो BJP को 46 सीटें हासिल हो सकती हैं, और गठबंधन को 34 सीटें मिल पाएंगी.

636888026822961400.

लोकसभा चुनाव 2019: सपा-बसपा गठबंधन की वजह से महज 'इतनी सीटों' पर सिमट सकती है बीजेपी, पढ़ें प्रणय रॉय का विश्लेषण

वैसे, इस वक्त कांग्रेस को मायावती-अखिलेश गठबंधन से दूर रखा गया है, और वह उत्तर प्रदेश की अधिकतर सीटों पर अकेले ही लड़ रही है.

SP-BSP गठबंधन का नुस्खा पिछले साल राज्य की फूलपुर, गोरखपुर और कैराना लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कारगर साबित हुआ था, और तीनों सीटों पर गठबंधन ने BJP को पटखनी दे डाली थी. गठबंधन को फूलपुर और गोरखपुर सीटों पर 10 फीसदी ज़्यादा वोट हासिल हुए थे, और कैराना में भी गठबंधन के पक्ष में चार प्रतिशत का उछाल देखा गया.

इस कामयाबी ने दोनों दलों को अपनी दशकों पुरानी प्रतिद्वंद्विता को भुलाकर एक साथ आने के लिए मजबूर कर दिया, ताकि लोकसभा चुनाव में BJP से मुकाबला किया जा सके.

636888030613885829.

हालांकि कहा जा सकता है कि उपचुनाव को हमेशा संकेतक नहीं माना जा सकता, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि जनता अब आम चुनाव को पहले की तुलना में कहीं ज़्यादा गंभीरता से लेने लगी है, इसलिए वे अपना वोट बेहद सोच-समझकर डालेंगे.

कांग्रेस नेता प्रनोद तिवारी ने NDTV से कहा, "जिन लोगों ने यह सोचकर मतदान नहीं किया था कि वह उपचुनाव था, वे भी बाहर निकलकर वोट डालेंगे... और जिन लोगों ने अपनी मर्ज़ी से वोट डाला था, वे अब पहले से ज़्यादा जोश-ओ-खरोश के साथ और ज़्यादा खुले दिमाग से वोट डालेंगे..."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
लोकसभा चुनाव के दौरान मामूली 'बदलाव' भी पूरे UP में बदल डालेगा नतीजों की सूरत : डॉ प्रणय रॉय का विश्लेषण
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
Next Article
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;