पुरी से ग्राउंड रिपोर्ट: संबित पात्रा बनाम पिनाकी मिश्र, किसका पलड़ा भारी?

पोस्टर और बैनर पर कांग्रेस ने बहुत कम पैसा खर्च किया है. भुवनेश्वर से पूरी तक 60 किलोमीटर के सफर में कांग्रेस के तीन-चार होर्डिंग मिल जाये तो बहुत बड़ी बात है.

पुरी से ग्राउंड रिपोर्ट: संबित पात्रा बनाम पिनाकी मिश्र, किसका पलड़ा भारी?

पुरी:

भुवनेश्वर से करीब 60 किलोमीटर दूर पुरी. भुवनेश्वर से पुरी की तरफ जब आप अपना सफर शुरू करेंगे, सड़क के दोनों किनारे आप को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे ज्यादा होर्डिंग मिलेंगे. कहीं पेड़ के पीछे प्रधानमंत्री आप को देखते हुए नज़र आएंगे तो कहीं पिलर के ऊपर. प्रचार के मामले में नवीन पटनायक ने भी प्रधानमंत्री को टक्कर देने की कोशिश की, लेकिन पीछे हैं. बीजेपी के हर होर्डिंग में प्रधानमंत्री अलग-अलग अंदाज में अलग-अलग वादे के साथ नजर आ रहे हैं. कहीं किसानों की बात कह रहे हैं, तो कहीं महिलाओं की. बीजेपी के ज्यादातर होर्डिंग में अकेले प्रधानमंत्री ही हैं, कहीं कहीं संबित पात्रा चंदन और केसरी के साथ प्रधानमंत्री से हाथ मिलाते हुए मिलेंगे. लेकिन अगर कोई ओडिशा में अचानक घुस जाए और उसे पता न हो की पुरी में चुनाव लड़ कौन रहा है वो जरूर एक बार सोचेगा कि कहीं प्रधानमंत्री पुरी से चुनाव तो नहीं लड़ रहे हैं? यह सिर्फ पुरी की बात नहीं, केंद्रापाड़ा, भुवनेश्वर, कटक, ज्यादातर जगह पर यही हाल है.

पोस्टर और बैनर पर कांग्रेस ने बहुत कम पैसा खर्च किया है. भुवनेश्वर से पूरी तक 60 किलोमीटर के सफर में कांग्रेस के तीन-चार होर्डिंग मिल जाये तो बहुत बड़ी बात है इस होर्डिंग में राहुल गांधी क्लीन सेव में आप को काफी युवा नज़र आएंगे. प्रचार के मामले में ओडिशा के चुनाव से कांग्रेस पूरी तरह बाहर नज़र आती है. 2014 में जब लोकसभा चुनाव था उस समय नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को लोगों ने देखा था लेकिन 2014 में ओडिशा में न नरेंद्र मोदी की ज्यादा चर्चा थी न ही बीजेपी को ज्यादा सीट मिली थीं. 21 में से बीजेपी सिर्फ एक सीट जीतने में कामयाब हुई थी लेकिन इस बार लोग प्रधानमंत्री मोदी की बात कर रहे. बीजेपी की सीटों में बढ़ोतरी जरूर होगी लेकिन बीजेपी को कितने सीट मिलेंगी यह कहना मुश्किल है.

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पुरी में लड़ाई दिलचस्प है. संबित पात्रा खूब मेहनत कर रहे हैं. संबित पुरी के रहने वाले नहीं है. पुरी के लोगों के साथ उनका कोई ज्यादा रिश्ता नहीं है. इसीलिए संबित यहां लोगों के साथ रिश्ता जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. संबित कहीं भी खा लेते हैं, किसी के घर मे घुस जाते हैं. नहाने के लिए कभी-कभी तालाब का इस्तेमाल भी कर लेते हैं. संबित ज्यादातर समय माथे पर चंदन और केसरी का टिका लगाकर प्रचार में निकलते हैं. पुरी जाने के बाद संबित ने सूट पहनने लगभग छोड़ दिये हैं. धोती में नजर आते हैं. इसकी यह वजह है कि पुरी के पंडा वोटर्स को लुभाने में लगे है. संबित पात्रा ने पुरी में रह रहे तेलुगू लोगों से मिल रहे हैं, तेलुगू गाना भी गा रहे हैं, तेलुगू में भाषण भी दे रहे हैं. संबित पात्रा पीएम के नाम पर वोट मांग रहे हैं. चुनाव रैली के भाषणों में बालाकोट और पाकिस्तान का भी इस्तेमाल हो रहा है. नरेंद्र मोदी को दोबारा पीएम बनाना है यह बात बीजेपी लोगों को समझाने में लगी है. पुरी के बीजेपी ऑफिस में एक रौनक भी है, चुनाव प्रचार के लिए अलग-अलग गाड़ी के साथ साइकिल भी रखी हुई हैं. लेकिन यह रौनक पुरी के बीजेडी ऑफिस में देखने को नहीं मिलेगी. पुरी के शहर के आसपास इलाके में बीजेपी का संगठन मजबूत हुआ है लेकिन गांव में अभी बीजेपी को ज्यादा काम करने की जरूरत है. गांव के ज्यादात्तर मतदातापिनाकी के साथ है.

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इन सब मामले में पिनाकी संबित से पीछे है लेकिन पिनाकी के साथ स्थानीय समर्थन है. पिनाकी पिछले दस सालों से यहां से सांसद हैं. 1996 में भी यहां कांग्रेस सीट से जीत हासिल की थी. लोगों का कहना है कि पिनाकी लोगों से कम मिलते हैं. जैसे संबित पीएम को आगे रखकर वोट मांग रहे है उसी तरह बीजेडी के ज्यादा उम्मीदवार नवीन के नाम पर वोट मांग रहे. इसमें कोई दो राय नहीं कि आज भी लोग नवीन को पांचवीं बार सीएम बनाने चाहते हैं. नवीन ने लोगों को एक रुपये में जो चावल दिए हैं उसे लेकर लोग बहुत खुश है. लोगों के मन मे एक यह भी डर है कहीं नवीन चले जाने के साथ चावल मिलना बंद न हो जाये. नवीन के प्रति लोगों के दिनों में सम्मान है उसका फायदा पिनाकी को होगा. पुरी में ड्रेनेज की समस्या को लेकर लोग परेशान है. लोगों का कहना है थोड़ी सी बारिश होने से रास्ते में पानी भर जाता है. पुरी में जमीन माफिया को लेकर भी लोग परेशान हैं. लेकिन पिनाकी मिश्र के रोड शो में लोगों की भीड़ देखकर लगता है कि तीसरी बार पिनाकी बीजेडी टिकट से चुनाव जीतने वाले है.

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पुरी के कांग्रेस उम्मीदवार की भी लोग चर्चा कर रहे हैं लेकिन पुरी में कांग्रेस ने प्रचार में कोई पैसा नहीं खर्च किए. राहुल गांधी ने अभी-तक पुरी में कोई रोड शो नहीं किया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पुरी में रोड शो कर चुके हैं, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक भी बीजेडी के तरफ से हुए रोड शो में शामिल हुए थे. कांग्रेस ने शायद यह मान लिया कि ओडिशा के चुनाव से वो बाहर है. पुरी में जब संबित के साथ घूमते हैं तो लगता है संबित जीतेंगे और जब पिनाकी की रैली में भीड़ देखते है तो लगता है पिनाकी जीतने जा रहे हैं. लेकिन जो भी जीते पुरी प्रतिष्ठा की लड़ाई है. अगर यहां संबित जीतकर आते हैं तो जीत पीएम की होगी और अगर पिनाकी जीतेंगे तो जीत नवीन की होगी. क्योंकि उम्मीदवार से ज्यादा पीएम और सीएम के नाम पर चुनाव लड़ा जा रहा है.