भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा को जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है. मंगलवार को ही कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी से राहत की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी. पीड़िता को बुधवार सुबह पुलिस उसके घर से उठा ले गई थी. परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके घर पर आई और उसे घर से जबरन घसीटकर ले गई. इस दौरान पीड़िता ने चप्पलें भी नहीं पहनी हुई थीं. पुलिसकर्मी पहले पीड़िता को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लेकर गए.
छात्रा ने जिस भाजपा नेता चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया था, उसने ही छात्रा के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज करवाया था. शुक्रवार को चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें अभी अस्पताल में रखा गया है.
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सूत्रों के मुताबिक 23 वर्षीय युवती अपनी याचिका पर सुनवाई के लिए शाहजहांपुर की एक कोर्ट में जा रही थी, तभी भारी संख्या में मौजूद पुलिसबल ने उसे रास्ते में रोक लिया. इसके बाद उसे जबरन अपने वाहन में बैठा लिया. युवती ने पुलिस के साथ जाने से मना कर दिया, उसने कहा कि उसे याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट जाने है. इस दौरान वहां पर हंगामा हो गया और वहां मीडिया पहुंच गई. इसके बाद पुलिस ने युवती को कोर्ट जाने दिया.
बता दें, छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया कि एडीजे सुधीर कुमार की अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा की अग्रिम जमानत याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली। अदालत ने इस मामले से संबंधित सभी रिकॉर्ड 26 सितंबर को तलब किए हैं. त्रिवेदी ने कहा कि यह राहत की बात है कि अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली है और सामान्यत: ऐसे मामलों में गिरफ्तारी नहीं होती है. इस बीच, छात्रा को अदालत से उसके घर छोड़ने पहुंची एसआईटी ने लड़की से उसके घर पर देर शाम तीन घंटे तक पूछताछ की.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ करने वाली टीम में दो महिला अधिकारियों के अलावा सात लोग थे। एसआईटी ने छात्रा से किन बिंदुओं पर पूछताछ की, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई.
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इससे पहले छात्रा ने कल उच्च न्यायालय में प्रार्थना की थी कि उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए. इस पर न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की पीठ ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि लड़की अगर राहत चाहती है तो वह उचित पीठ के समक्ष नई याचिका दायर कर सकती है.
अदालत ने यह भी कहा था कि पीठ इस मामले में केवल जांच की निगरानी करने के लिए नामित की गई है और गिरफ्तारी के मामले में कोई आदेश पारित करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
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पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसी मामले को लेकर आज छात्रा ई रिक्शा से अपने भाई और पिता के साथ बैठकर न्यायालय आ रही थी कि तभी एसआईटी को सूचना मिल गई. वहां पहुंची एसआईटी को लड़की ने बताया कि वह अदालत में हस्ताक्षर करने जा रही है. इसके बाद एसआईटी उसे लेकर अदालत पहुंची जहां छात्रा ने अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की.
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