उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने बुधवार को कोरोनावायरस (Coronavirus) की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' (Covaxin) के तीसरे चरण के ट्रायल के लखनऊ और गोरखपुर में किए जाने को मंजूरी दे दी है. भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ICMR के साथ मिलकर इस वैक्सीन पर काम कर रहा है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद (Amit Mohan Prasad) ने सरकार की ओर से जारी पत्र में इसकी जानकारी दी. यह पत्र भारत बायोटेक के डायरेक्टर वी कृष्णा मोहन को भेजा गया है.
पत्र में लिखा है, 'कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को उत्तर प्रदेश में किए जाने संबंधी अनुमति दी जाती है. भारत बायोटेक को लखनऊ और गोरखपुर में वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है. भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, आपको क्लिनिकल ट्रायल संबंधी सभी सुरक्षा और अन्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.' लखनऊ के लिए संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टर आरके धीमन और गोरखपुर के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर गणेश कुमार को नोडल अफसर नियुक्त किया गया है.
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बताते चलें कि भारत बायोटेक ने बुधवार को सेंट लुइस में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ कोविड-19 की एकल खुराक वैक्सीन- चिंप एडीनोवायरस (चिंपांजी एडीनोवायरस) के लिए एक लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए. भारत बायोटेक द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक कंपनी के पास अमेरिका, जापान और यूरोप को छोड़कर अन्य सभी बाजारों में वैक्सीन के वितरण का अधिकार होगा. कंपनी ने बताया कि इस वैक्सीन के पहले चरण का परीक्षण सेंट लुइस विश्वविद्यालय की इकाई में होगा, जबकि नियामक मंजूरियां हासिल करने के बाद भारत बायोटेक अन्य चरणों का परीक्षण भारत में भी करेगी.
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