प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के साथ हालिया संघर्ष के बाद आज तीन महीने के अस्थायी संघर्षविराम का ऐलान किया, लेकिन चेताया भी कि यह एकतरफा नहीं है और तालिबान इसका पालन करेगा तो ही संघर्षविराम अमल में लाया जाएगा. यह ऐलान समूचे अफगानिस्तान में सप्ताह भर चली लड़ाई के बाद आया है. तालिबान ने गजनी प्रांत की राजधानी पर हमला कर दिया था. टीवी पर संबोधन के दौरान गनी ने कहा कि मैं एक बार फिर पैगंबर के जन्मदिन तक संघर्ष विराम का ऐलान करता हूं बशर्ते इसका पालन तालिबान को भी करना होगा. गौरतलब है कि अफगानिस्तान में 21 नवंबर को ईद मिलादुन्नबी मनाई जाएगी. गनी ने कहा कि उलेमा, राजनीतिक पार्टियों और नागरिक समाज समूहों के साथ सलाह-मशविरे के बाद उनकी सरकार ने इस ऐलान के साथ ही अमन के रास्ते में आ रही ‘सारी रूकावटों’ को दूर कर दिया है.
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उन्होंने कहा कि हम तालिबान नेतृत्व से अपील करते हैं कि स्थायी और वास्तविक शांति के लिए अफगानों की इच्छा का स्वागत करें. हम उनसे गुजारिश करते हैं कि इस्लामी मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित शांति वार्ता के लिए तैयार हों. अफगान राष्ट्रपति के ऐलान का पड़ोसी पाकिस्तान ने फौरन स्वागत किया. पाकिस्तान पर तालिबान के नेतृत्व के साथ संबंध रखने और इसके लड़ाकों को पनाह देने का आरोप लगता है.नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेंबर्ग ने भी इसका स्वागत करते हुए ट्वीट किया कि मैं तालिबान को प्रोत्साहित करता हूं कि वह इसका सम्मान करके अफगानों के प्रति अपनी चिंता का प्रदर्शन करे.इससे पहले, जून में ईद उल फित्र पर तीन दिन का संघर्षविराम किया गया था.
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2001 में अमेरिकी हमले के बाद यह पहला संघर्षविराम था. इस दौरान हजारों बागी अफगानिस्तान के शहरों में आए गए थे और सुरक्षा बलों के साथ अपनी सेल्फी पोस्ट कर रहे थे. (इनपुट भाषा से)
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उन्होंने कहा कि हम तालिबान नेतृत्व से अपील करते हैं कि स्थायी और वास्तविक शांति के लिए अफगानों की इच्छा का स्वागत करें. हम उनसे गुजारिश करते हैं कि इस्लामी मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित शांति वार्ता के लिए तैयार हों. अफगान राष्ट्रपति के ऐलान का पड़ोसी पाकिस्तान ने फौरन स्वागत किया. पाकिस्तान पर तालिबान के नेतृत्व के साथ संबंध रखने और इसके लड़ाकों को पनाह देने का आरोप लगता है.नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेंबर्ग ने भी इसका स्वागत करते हुए ट्वीट किया कि मैं तालिबान को प्रोत्साहित करता हूं कि वह इसका सम्मान करके अफगानों के प्रति अपनी चिंता का प्रदर्शन करे.इससे पहले, जून में ईद उल फित्र पर तीन दिन का संघर्षविराम किया गया था.
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2001 में अमेरिकी हमले के बाद यह पहला संघर्षविराम था. इस दौरान हजारों बागी अफगानिस्तान के शहरों में आए गए थे और सुरक्षा बलों के साथ अपनी सेल्फी पोस्ट कर रहे थे. (इनपुट भाषा से)
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